महाराष्ट्र : सोमवार को हो सकता है महायुति सरकार का शपथ ग्रहण, सीएम और डिप्टी सीएम के नाम अब तक तय नहीं
मुंबई, 24 नवम्बर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत से सत्ता में वापसी करने वाली महायुति गठबंधन में सरकार गठन और सीएम व डिप्टी सीएम के नाम को लेकर कवायद तेज हो गई है। इस बीच शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के वरिष्ठ मंत्री दीपक केसरकर ने रविवार को कहा कि शपथ समारोह सोमवार को आयोजित होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को केवल मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी बनने वालों के शपथ लेने की संभावना है। कैबिनेट में और कौन शामिल होगा, इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
बाववकुले बोले – भाजपा नेतृत्व और महायुति नेता तय करेंगे अगला सीएम
वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महायुति नेता और भाजपा नेतृत्व यह तय करेंगे कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। बावनकुले ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समाज के सभी वर्गों ने भाजपा का समर्थन किया। उन्होंने कहा आज नवनिर्वाचित विधायकों के साथ मीटिंग हुई है। हालांकि, मुख्यमंत्री कौन बनेगा, उसे लेकर अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई विवाद नहीं : फडणवीस
सीएम पद के सवाल पर मौजूदा डिप्टी सीएम नेता फडणवीस ने कहा, ‘मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर कोई विवाद नहीं होगा। यह पहले दिन से तय था कि चुनाव के बाद तीनों दलों के नेता एक साथ बैठेंगे और इस पर फैसला करेंगे।’
देखा जाए तो महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ता और नेता चाहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस ही सीएम बनें। वहीं एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी में से किसी नेता को डिप्टी सीएम का पद दे सकते हैं। वजह ये है कि वे वर्तमान में सीएम पद पर मौजूद हैं। ऐसे में वह चाहेंगे कि उनकी पार्टी का कोई नेता डिप्टी सीएम बने। अजित पवार भी नई सरकार में डिप्टी सीएम बन सकते हैं।
महायुति की 230 सीटों में अकेले भाजपा के पास 132 सीटें
उल्लेखनीय है कि महायुति गठबंधन ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 230 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी। इनमें अकेले भाजपा ने ही 132 सीटें जीत ली हैं। इस गठबंधन में भाजपा के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उप मुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल है। उधर विपक्षी महा विकास आघाड़ी (MVA) सिर्फ 49 सीटें ही जीत सकी। एमवीए में कांग्रेस, राकांपा (SP) और शिवसेना (UBT) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री का पद महाराष्ट्र में हमेशा से विवाद में रहा है
वैसे देखा जाए तो मुख्यमंत्री का पद महाराष्ट्र में हमेशा से विवाद में रहा है। 2019 में शिवसेना सीएम पद के कारण भाजपा से अलग हुई थी। 2019 के बाद से सीएम के लिए महाराष्ट्र में कई राजनीतिक संघर्ष देखने पड़े हैं। हालांकि, 2022 में पासा पलट गया जब एकनाथ शिंदे ने, जो उस समय ठाकरे के राइट हैंड हुआ करते थे, शिवसेना तोड़ी और बागी विधायकों के साथ भाजपा के सहयोग से सीएम पद की कुर्सी संभाल ली। उसके बाद अजित पवार भी एनसीपी तोड़कर सरकार में शामिल हो गए।