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आंकड़ों में खुलासा : गुजरात में बढ़ा रहा शराब का क्रेज, देसी से ज्यादा विदेशी शराब की मांग

आंकड़ों में खुलासा : गुजरात में बढ़ा रहा शराब का क्रेज, देसी से ज्यादा विदेशी शराब की मांग

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अहमदाबाद, 29 दिसम्बर। गुजरात में देश की सबसे पुरानी शराबबंदी है, लेकिन ड्राई स्टेट में अब शराब के प्रति आर्कषण बढ़ रहा है। ऐसा सरकारी आंकड़ों से पता चलता है।

राज्य में शराब सेवन के लिए हेल्थ परमिट की व्यवस्था

दरअसल, राज्य में शराब के सेवन के लिए परमिट की व्यवस्था है। हेल्थ परमिट के जरिए ही कोई शराब का सेवन कर सकता है। राज्य में लगातार हेल्थ परमिट की संख्या में इजाफा हो रहा है। इनकी संख्या में 49 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। राज्य में नवम्बर, 2020 तक कुछ हेल्थ परमिट की संख्या 27,452 थी, अब इनकी संख्या बढ़कर 40,921 हो गई है। पिछले साल नवम्बर में यह संख्या 37,421 तक पहुंची थी।

नई जीवनशैली जिम्मेदार

गुजरात सरकार के प्रोबीहिशन डिपॉर्टमेंट के आंकड़े के अनुसार राज्य में हेल्थ परमिट के जरिए शराब पीने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ डिपॉर्टमेंट के पास हेल्थ परमिट के लिए आवेदन का अंबार लगा हुआ है। इसमें नए लाइसेंस और रिन्युअल के आवेदन शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार विभाग को नए परमिट के लिए ज्यादा आवेदन मिले हैं।

सूत्रों की मानें तो इन आवेदनों में इनसोमिया, अवसाद और हाइपरटेंशन के चलते शराब पीने की अनुमति मांगी गई है। एक तरफ जहां हेल्थ परमिट की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है तो वहीं दूसरी ओर विभाग ने परमिट के लिए आर्थिक योग्यता के मापदंडों में पिछले एक दशक से बदलाव नहीं किया है।

हेल्थ परमिट के लिए 3 लाख की सालाना आय और 5 वर्षों का आयकर रिटर्न जरूरी

गुजरात में शराब के सेवन की मंजूरी सिर्फ हेल्थ परमिट के जरिए ही है। परमिट के जरूरी है कि आवेदक की आय तीन लाख रुपया सालाना होनी चाहिए। इतना ही नहीं आवेदक का कम से कम पांच साल लगातार आईटी रिटर्न भरा होना चाहिए। ऐसा माना जा रहा है कि लोगों की जीवनशैली में आए बदलावों के चलते हेल्थ परमिट के आवेदनों की संख्या भी बढ़ रही है।

इंपोर्टेट शराब की मांग ज्यादा बढ़ी

सरकार के प्रोबीहिशन डिपोर्टमेंट के आंकड़ों में जहां हेल्थ परमिट की संख्या बढ़ती है तो वहीं इसका असर ब्रिकी पर भी दिख रहा है। राज्य में संचालित शराब के दुकानदारों का कहना है कि परमिट के बढ़ने के साथ शराब पीने वाले की मांग में बदलाव आया है। हाल के वर्षों में इंपोर्टेट शराब की मांग ज्यादा बढ़ी है। गुजरात में शराबबंदी के चलते टूरिस्ट के साथ राज्य के लोगों को हेल्थ परमिट पर शराब के सेवन की अनुमति है। राज्य में बाहर से आने वाले शराब के शौकीनों को परमिट निकलवाना पड़ता है। इसके बाद ही वे शराब का सेवन कर सकते हैं।

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