ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति रईसी को उनके गृह नगर मशहद में सुपुर्द-ए-खाक किया गया
दुबई, 23 मई। ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी को देश की सबसे पवित्र शिया दरगाह में गुरुवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। उनका बीते रविवार (19 मई) को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में विदेश मंत्री तथा सात अन्य लोगों के साथ निधन हो गया था।
रईसी के शव को तेहरान से हवाई मार्ग से उनके गृह नगर मशहद लाया गया, जहां इमाम रजा दरगाह के अंदर एक कब्र में दफनाया गया। इस दरगाह में शिया समुदाय के आठवें इमाम दफन हैं। इसी दरगाह में रईसी ने 2016 से 2019 तक संरक्षक के रूप में काम किया था। वहीं दिवंगत विदेश मंत्री अमीर-अब्दुल्लाहियन को उनके परिवार की इच्छा के अनुसार दक्षिणी तेहरान में शाह अब्दुल अजीम दरगाह में दफनाया गया।
The end of a lifetime of efforts for people…
President Raisi's body rested in Imam Reza Holy Shrine (PBUH). pic.twitter.com/xlEv8YzFRn
— IRNA News Agency (@IrnaEnglish) May 23, 2024
दिवंगत राष्ट्रपति के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और उन्होंने काली पोशाक धारण कर रखी थी। हालांकि रईसी के जनाजे में उतनी भीड़ शामिल नहीं हुई, जितनी 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद के जनाजे में थी। इसके पीछे रईसी को लेकर लोगों की भावनाएं एक संभावित संकेत हो सकती हैं। रईसी सरकार ने 2022 में महसा अमीनी की मौत को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान सख्त काररवाई की थी, जिसे लेकर लोगों में अब तक नाराजगी है।
अमीनी को ईरान की महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब कथित तौर पर नहीं पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था। इस काररवाई के साथ-साथ ईरान की संघर्षरत अर्थव्यवस्था का सरकारी टेलीविजन और समाचार पत्रों की कवरेज में कोई उल्लेख नहीं किया गया। इतना ही नहीं ईरान-इराक युद्ध के अंत में करीब पांच हजार असंतुष्ट लोगों की सामूहिक हत्या में रईसी के शामिल होने पर भी कभी चर्चा नहीं की गई।