केजरीवाल की केंद्र से अपील – सिंगापुर की हवाई सेवाएं तत्काल रोकें, वहां से आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर
नई दिल्ली, 18 मई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद कर दे क्योंकि वहां से कोरोना महामारी की तीसरी लहर भारत आ सकती है।
केजरीवाल ने सिंगापुर में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बच्चों को प्रभावित करने की एक रिपोर्ट शेयर करते हुए ट्वीट में कहा, ‘सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद खतरनाक बताया जा रहा है। भारत में यह तीसरी लहर के रूप में आ सकता है।’
इस क्रम में केजरीवाल ने केंद्र से दो आग्रह किया है। पहला यह कि सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद की जाएं। दूसरा, बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो।
नए स्ट्रेन के भय से सिंगापुर में बुधवार से बंद रहेंगे स्कूल
इस बीच सिंगापुर में कोरोना के नए स्ट्रेन ने दहशत फैला दी है। वहां बुधवार से स्कूल बंद किए जा रहे हैं। यह नया स्ट्रेन बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नयी स्ट्रेन बी.1.617 बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता दिख रहा है। यह स्ट्रेन सबसे पहले भारत में पाया गया था।
सिंगापुर में संक्रमित बच्चों की हालत गंभीर नहीं
सिंगापुर के शिक्षा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इनमें से कुछ म्यूटेशंस ज्यादा संक्रामक हैं और वे छोटी उम्र के बच्चों पर हमला कर रहे हैं। यह हम सबके लिए चिंता की बात है।’ हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो बच्चे संक्रमित हुए हैं, उनमें किसी की हालत गंभीर नहीं है।
डब्ल्यूएचओ भी इस नए स्ट्रेन को लेकर जता चुका है चिंता
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी कोविड-19 के बी.1.617 स्ट्रेन को लेकर चिंता जता चुका है। यह वैरिएंट पिछले साल अक्टूबर में महाराष्ट्र के नमूनों में सामने आया था। तब इसे डबल म्यूटेंट कहा गया था। पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में यह स्ट्रेन अपनी तीन उप श्रेणियों के साथ कम से कम 44 देशों में फैल चुका है।
सिंगापुर के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इजरायल, डेनमार्क, जापान, आयरलैंड, बहरीन, कनाडा, फिजी जैसे देशों में भी इसके केसेज मिले हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना के इस वैरिएंट और उसकी उप श्रेणियों की वैक्सीन, इलाज और पुनर्संक्रमण को लेकर भी अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है।