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असम : कामाख्या मंदिर के कपाट 4 दिनों के लिए बंद, अम्बुबाची के लिए भक्तों और संतों से पटा नीलाचल पर्वत

असम : कामाख्या मंदिर के कपाट 4 दिनों के लिए बंद, अम्बुबाची के लिए भक्तों और संतों से पटा नीलाचल पर्वत

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गुवाहाटी, 22 जून। पूर्वोत्तर राज्य असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित मां कामाख्या मंदिर में रविवार से अम्बुबाची महायोग शुरू हो गया। प्रभृति समय के अनुसार दोपहर 2:56:27 बजे अम्बुबाची के आरंभ होने के साथ ही मां कामाख्या मंदिर के कपाट भक्तों और दर्शनार्थियों के लिए चार दिनों यानी 26 जून तक बंद रहेंगे।

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने किया उद्घाटन

पवित्र अम्बुबाची महायोग 2025 का उद्घाटन समारोह रविवार की शाम नीलाचल की तलहटी में पांडु बंदरगाह पर आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने अम्बुबाची महायोग का औपचारिक उद्घाटन किया।

अम्बुबाची ‘निवृत्ति’ (समापन) 26 जून को तड़के 3:00 बजे होगी। निवृत्ति के बाद 26 जून की सुबह मंदिर के द्वार भक्तों के लिए फिर से खुलेंगे, जिसमें देवी स्नान (देवी का स्नान) और नियमित पूजा-अर्चना सहित दैनिक अनुष्ठान शामिल होंगे। कामाख्या मंदिर के बोरदोलोई (मुख्य पुजारी) कबिन्द्र प्रसाद शर्मा ने रविवार दोपहर मीडिया को यह जानकारी दी।

इस बार वीआईपी या वीवीआईपी पास की व्यवस्था नहीं

इस वर्ष अम्बुबाची काल के दौरान, भक्तों को सिर्फ भोर 5:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक नीलाचल पहाड़ी में प्रवेश की अनुमति होगी। शाम 6:00 बजे के बाद प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। नीलाचल पहाड़ी पर रहने वाले भक्तों के लिए कोई शिविर या भोजन वितरण व्यवस्था उपलब्ध नहीं होगी। इसके अलावा, 26 और 27 जून को मां कामाख्या मंदिर के फिर से खुलने के बाद, कोई वीआईपी या वीवीआईपी पास की व्यवस्था नहीं होगी।

संतों-तपस्वियों की उमड़ी भीड़

नीलाचल पहाड़ी पर देश-विदेश से आए अनगिनत भक्तों, संतों और तपस्वियों की भीड़ उमड़ पड़ी है, जो अम्बुबाची के लिए एकत्रित हुए हैं। कामाख्या धाम में पहले से ही उत्सव का माहौल है। हजारों भक्त और आगंतुक नीलाचल पहाड़ी पर उमड़ पड़े हैं। रविवार सुबह से ही देश-विदेश से भक्तों और आगंतुकों का आना-जाना लगा हुआ है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मंदिर परिसर के चारों ओर 500 CCTV लगाए गए हैं। सफाई व्यवस्था के लिए 200 स्थायी और 110 अस्थायी कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। 26 जून को दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के लिए, बंशीबागान में अस्थायी विश्राम स्थल बनाए गए हैं, जहां चिकित्सा सेवाएं, चेंजिंग रूम और पेयजल की व्यवस्था की गई है।

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