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जस्टिस उदय उमेश ललित बने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

जस्टिस उदय उमेश ललित बने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

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नई दिल्ली, 27 अगस्त। जस्टिस उदय उमेश ललित ने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में आज शपथ ग्रहण की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति ललित को शपथ दिलाई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री इस समारोह में शामिल हुए। न्यायमूर्ति ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण भी इस मौके पर मौजूद थे। एनवी रमणा शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो गए हैं। उनके बाद अब इस पद को जस्टिस उदय उमेश ललित ने संभाला लिया है।

बता दें कि 102 साल से ललित परिवार वकालत के पेशे में है। जस्टिस उदय उमेश ललित के दादा महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में वकालत करते थे। उनके पिता उमेश रंगनाथ ललित जो अब 90 साल के हो चुके है वो नामी वकील रहे हैं, जो बॉम्बे हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं। जस्टिस उदय उमेश ललित की पत्नी अमिता ललित शिक्षाविद हैं जो नोएडा में बच्चों का स्कूल चलाती हैं ।

  • चीफ जस्टिस यूयू ललित का महाराष्ट्र में हुआ था जन्म

भारत के नए प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। वह जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में नामांकित हुए थे। इसके बाद जनवरी 1986 में उन्होंने दिल्ली आने से पहले दिसंबर 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में प्रैक्टिस की थी।

  • क्राइम लॉ में एक्सपर्ट हैं नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ललित

भारत के नए चीफ जस्टिस ललित क्रिमिनल लॉ में एक्सपर्ट हैं। वह 2जी मामलों में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक के रूप में काम कर चुक हैं। लगातार दो कार्यकाल तक वह सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। बेहद सौम्य स्वभाव वाले उदय उमेश ललित भारत के इतिहास में ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस हैं जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाई कोर्ट में जज नहीं रहे। वह सीधे वकील से इस पद पर पहुंचे हैं। उनसे पहले 1971 में देश के 13वें मुख्य न्यायाधीश एस एम सीकरी ने यह उपलब्धि हासिल की थी।

  • अयोध्या-बाबरी केस से खुद को अलग कर सुर्खियों मे रहे

10 जनवरी 2019 को न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने खुद को अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की बेंच से अलग कर सुर्खी बटोरी थी। ऐसा करने के पीछे उन्होंने तर्क दिया था कि करीब 20 साल पहले वह अयोध्या विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील रह चुके थे।

  • कई महत्वपूर्ण फैसले सुना चुके हैं

भारत के नए चीफ जस्टिस ललित ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। इनमें सबसे ज्यादा अहम तीन तलाक, केरल में पद्मनाभस्वामी मंदिर पर त्रावणकोर शाही परिवार का दावा और पॉक्सो से जुड़े कानून पर उन्होंने फैसले लिए।

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