बिहार : अररिया में पत्रकार विमल यादव की दिनदहाड़े हत्या, अपराधियों ने घर से बाहर बुलाकर मारी गोली
अररिया, 18 अगस्त। अररिया के रानीगंज में पत्रकार विमल यादव (36) की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। अपराधियों ने घर के दरवाजे पर चढ़कर मेन गेट खुलवाया। जैसे ही पत्रकार गेट पर आए, वैसे ही सीने में गोली दाग दी। हत्या के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई।
सुपौल जेल में बंद रूपेश पर हत्या की साजिश रचने का आरोप
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं दूसरी तरफ परिजनों का कहना है कि सुपौल जेल में बंद रूपेश ने ही हत्या की साजिश रची थी। उसने जेल से ही हत्या की सुपारी दी थी। परिजनों ने बताया कि 4 वर्ष पहले यानी अप्रैल 2019 में विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त गब्बू यादव बेलसरा पंचायत के सरपंच थे।
विमल अपने भाई की हत्या के केस में मुख्य गवाह थे
देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण में कार्यरत विमल अपने भाई की हत्या मामले के मुख्य गवाह थे। केस का स्पीडी ट्रायल चल रहा था। विमल की मुख्य गवाही होनी थी। अचानक उनकी हत्या कर दी गई। परिजनों का कहना है कि जिसने गब्बू यादव की हत्या करवाई, उसने ही विमल की हत्या की सुपारी दी है। गवाही के बाद आरोपित को डर था कि उसे उम्रकैद की सजा न हो जाए, इसलिए बचने के लिए उसने ऐसा किया।
परिजनों का आरोप है कि विमल यादव ने खुद की सुरक्षा को बंदूक के लाइसेंस के लिए भी अप्लाई किया था। कई बार आवेदन देने पर भी बंदूक का लाइसेंस नहीं मिल पाया। परिजनों ने प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया। एक सप्ताह पहले भी विमल ने अपने दोस्तों से कहा था कि उनकी जान को खतरा है। मामले में अररिया एसपी का कहना है कि वारदात को दो अपराधियों ने अंजाम दिया है। दोनों को चिह्नित कर लिया गया है। दोनों की तलाश में छापेमारी चल रही है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।