जापान ने भारत को लेकर किया बड़ा एलान – अगले 10 वर्षों में करेगा 10 ट्रिलियन येन का निवेश
नई दिल्ली, 26 अगस्त। जापान ने ऐसे वक्त एक बड़ी घोषणा कर भारत को सहारा देने की कोशिश की है, जब वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा थोपे गए एकतरफा 50 फीसदी टैरिफ की काट खोजने में जुट गया है। दरअसल, भारत और जापान के बीच बड़ा समझौता होने जा रहा है। इस क्रम में जापान अगले 10 वर्षों में भारत में 10 ट्रिलियन येन (लगभग 68 बिलियन डॉलर) का निवेश करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
इसी सप्ताह मिलेंगे भारत-जापान के पीएम
जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा आगामी शुक्रवार से अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली शिखर बैठक के दौरान इस आशय की घोषणा करेंगे। इस शिखर बैठक में दोनों देश 17 वर्षों में पहली बार सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा को संशोधित करेंगे, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।
इन सेक्टर्स में मिलकर काम करने की तैयारी
निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार यह निवेश जापानी कम्पनियों को आर्टिफिशियल इंटिलीजेंस (AI) और सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टर्स के विस्तार में मदद करेगा। यह निवेश आठ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों – जैसे मोबिलिटी, पर्यावरण, हेल्थ पर केंद्रित होगा, जिससे औद्योगिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
दोनों देश सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए AI अनुप्रयोगों को बढ़ावा देंगे
दोनों देश AI सहयोग पहल के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए AI अनुप्रयोगों को बढ़ावा देंगे। भारत ने जापान के उन्नत सेमीकंडक्टर सामग्री और उपकरणों में गहरी रुचि दिखाई है, जिसे टोक्यो इलेक्ट्रॉन की सुविधा के दौरे के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा।
जापान भारतीय स्टार्टअप्स, विशेष रूप से तेलंगाना में निवेश बढ़ाने की योजना बना रहा है, जो हैदराबाद में अपने IT हब के लिए जाना जाता है। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) ने इस क्षेत्र में उद्यमों को समर्थन देने के लिए येन ऋण प्रदान किए हैं।
अगले 5 वर्षों में भारतीय विशेषज्ञों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य
इसके अलावा जापान में उच्च-तकनीकी क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों की कमी को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में भारतीय विशेषज्ञों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य है। 2030 तक जापान में मैनपावर की कमी 790,000 तक पहुंचने का अनुमान है।
भारतीय श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण-रोजगार कार्यक्रम शुरू कर रहीं जापानी कम्पनियां
सोम्पो केयर और ऊर्जा कम्पनी सेकिशो जैसी जापानी कम्पनियां भारतीय श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम शुरू कर रही हैं। इन पहलों में लैंगवेज शिक्षा और नौकरी प्लेसमेंट सेवाएं शामिल हैं, जो क्षेत्रीय कम्पनियों को लक्षित करती हैं। सेकिशो ने हाल ही में भारत में अपनी इकाई की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य भारतीय छात्रों को जापानी व्यवसायों से जोड़ना और विदेश में शैक्षिक व रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है। यह दृष्टिकोण भाषा बाधाओं को दूर करने और भारतीय प्रतिभाओं को जापानी उद्यमों में सहजता से एकीकृत करने में मदद करेगा।
उल्लेखनीय है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूसी तेल और हथियार खरीदने के बेतुके आरोप लगाकर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ यानी पेनॉल्टी लगाने का एलान कर दिया है, जो बुधवार (27 अगस्त) से लागू हो जाएगा, यानी अब भारतीय आयात पर अमेरिका कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाएगा।
हालांकि भारत ने न सिर्फ अमेरिका के इस फैसले को एकतरफा बताया और ट्रेड के लिहाज से गलत करार दिया है बल्कि जोर देकर कहा है कि दबाव में देश झुकने वाला नहीं है। यदि अमेरिका ने 50 फीसदी टैरिफ लगाया है तो फिर भारत उसके प्रभाव को कम करने के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार है। लेकिन अमेरिका जिस तरह से भारतीय बाजार के कृषि और डेयरी सेक्टर में अपनी पहुंच चाहता है, वो मुमकिन नहीं है।
भारत टैरिफ के असर को कम करने में जुटा
दरअसल, ट्रंप का यह टैरिफ दबाव पिछले छह महीने से चल रहा है और भारत ने शुरू से ही दूसरे विकल्पों पर काम शुरू कर दिया है। भारत दूसरे बाजार को तलाश रहा है, जहां अमेरिका के मुकाबले आसानी से ट्रेड हो सके। वैसे भी भारत इकोनॉमी मौजूदा समय में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी ताकत है और आने वाले दिनों में तीसरे पायदान पर काबिज होने वाला है।
