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ISRO ने 17 किमी की ऊंचाई पर गगनयान के क्रू मॉडल को किया लॉन्च, समुद्र में सेफ लैंडिंग

ISRO ने 17 किमी की ऊंचाई पर गगनयान के क्रू मॉडल को किया लॉन्च, समुद्र में सेफ लैंडिंग

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नई दिल्ली, 21 अक्टूबर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से गगनयान मिशन की पहली परीक्षण उड़ान को सफलतापूर्वक संपन्न किया।

हालांकि इसरो को अपने दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली। 17 किमी की ऊंचाई पर क्रू एस्केप सिस्टम और क्रू मॉड्यूल लॉन्च किया गया। इसके बाद बंगाल की खाड़ी में श्रीहरिकोटा से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग हुई। इस मिशन में नौसेना भी शामिल है।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘मिशन गगनयान टीवी डी1 परीक्षण उड़ान पूरी हो गई है। क्रू एस्केप सिस्टम ने मंशा के अनुरूप प्रदर्शन किया। मिशन गगनयान सफल रहा।’

गगनयान टीवी-डी1 के तीन मुख्य पैराशूट सफल परीक्षण वाहन प्रक्षेपण के कुछ मिनट बाद तैनात किए गए थे। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, ‘मुझे टीवी-डी1 मिशन की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। इस मिशन का उद्देश्य गगनयान कार्यक्रम के लिए चालक दल के बाहर निकलने की प्रणाली का प्रदर्शन करना था।’

तकनीकी विसंगति के कारण प्रक्षेपण तय कार्यक्रम से दो घंटे बाद हुआ

उल्लेखनीय है कि रॉकेट का प्रक्षेपण पहले शनिवार सुबह आठ बजे के लिए निर्धारित था, लेकिन बाद में इसे दो बार कुल 45 मिनट के लिए टाला गया। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने बाद में बताया कि किसी विसंगति के कारण प्रक्षेपण तय कार्यक्रम के अनुसार नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि टीवी-डी1 रॉकेट का इंजन तय प्रक्रिया के अनुसार चालू नहीं हो सका था। इसके बाद, इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘प्रक्षेपण रोके जाने के कारण का पता लगा लिया गया है और उसे दुरुस्त कर दिया गया है।’

दो घंटे की देरी और टीवी-डी1 इंजन के शुरुआत में तय प्रक्रिया के तहत चालू नहीं हो पाने के बाद पैदा हुई घबराहट के बीच इसरो के वैज्ञानिकों ने रॉकेट का सटीक प्रक्षेपण किया। यान के ‘क्रू मॉड्यूल’ (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) एवं ‘क्रू एस्केप’ (चालकदल बचाव प्रणाली) पृथक्करण का लक्ष्य हासिल करते ही श्रीहरिकोटा स्थित मिशन नियंत्रण केंद्र में सांसें थाम कर बैठे वैज्ञानिकों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। इसरो ने घोषणा की कि टीवी-डी1 मिशन पूरी तरह सफल रहा। तय योजना के अनुसार पेलोड बाद में समुद्र में सुरक्षित तरीके से गिर गए।

मानव को अंतरिक्ष में भेजने की महत्वाकांक्षी योजना की दिशा में पहला कदम

इसरो ने एकल-चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिये मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे कदम बढ़ाया। इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। इसरो ने शुक्रवार को कहा था कि इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशन के लिए आधार तैयार करेगी, जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा।

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