इसरो प्रमुख एस सोमनाथ बोले – 23 अगस्त की शाम 5.47 बजे चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 14 जुलाई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारत का तीसरा चंद्र अभियान ‘चंद्रयान-3’ तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास 23 अगस्त को करेगा। उसके पहले चंद्रयान-3 को एक अगस्त से चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने की योजना है।
3.84 लाख किमी का सफर तय करने में 42 दिनों का वक्त लगेगा
उल्लेखनीय है कि भारत ने आज अपने अंतरिक्ष इतिहास में एक और अध्याय जोड़ा, जब इसरो के वैज्ञानिकों ने यहां सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी) से देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया। गुरुवार को शुरू हुई 25.30 घंटे की उलटी गिनती के अंत में एलवीएम3-एम4 रॉकेट एसडीएससी के दूसरे ‘लॉन्च पैड’ से अपराह्न 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ। ‘चंद्रयान-3’ को 3.84 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चंद्रमा की सतह पर पहुंचने में 42 दिनों का समय लग सकता है। इसे 179 किमी की ऊंचाई पर छोड़ा गया है।
आगे की खोज के लिए लैंडिंग एक महत्वपूर्ण कदम
लगभग 600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि चंद्रयान-3 एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है…लैंडिंग बहुत महत्वपूर्ण है। जब तक आप नहीं उतरते, आप नमूने नहीं ले सकते, आप इंसानों को नहीं उतार सकते, आप चंद्रमा के आधार नहीं बना सकते, इसलिए आगे की खोज के लिए लैंडिंग एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर किए जाने की योजना है।
LVM3 M4/Chandrayaan-3:
Lift-off, tracking and onboard views pic.twitter.com/eUAFShS1jA— ISRO (@isro) July 14, 2023
लॉन्चिंग के अंतिम संयोजन और तैयारी के लिए पूरी टीम को बधाई दी
सोमनाथ ने कहा, ‘हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी और उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो। फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती हैं, जो हमने समीक्षा और टेस्ट द्वारा पता लगाया। तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की। मैं इस कार्य के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं।’
चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद सोमनाथ ने मिशन नियंत्रण कक्ष (एमसीसी) से कहा कि रॉकेट ने चंद्रयान-3 को सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है। उन्होंने कहा, “बधाई हो, भारत। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। हमारे प्रिय एलवीएम-3 ने पहले ही चंद्रयान-3 को पृथ्वी के चारों ओर सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है… और आइए, हम चंद्रयान-3 को आगे की कक्षा में बढ़ाने की प्रक्रिया तथा आने वाले दिनों में चंद्रमा की ओर इसकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करें।”