इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति बोले – यूपीए सरकार के दौर में ठहर गई थीं भारत की आर्थिक गतिविधियां
अहमदाबाद, 24 सितम्बर। आईटी क्षेत्र की दिग्गज कम्पनी इंफोसिस के सह संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति का कहना है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए दौर में मनमोहन सिंह की सरकार ने समय पर फैसले नहीं लिए, जिसके चलते भारत में आर्थिक गतिविधियां ठहर गईं थीं।
भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) में शुक्रवार को युवा उद्यमियों और छात्रों के साथ बातचीत के दौरान मूर्ति ने विश्वास व्यक्त किया कि युवा दिमाग भारत को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन का एक योग्य प्रतियोगी बना सकता है।
अहमदाबाद आईआईएम के छात्रों और युवा उद्यमियों का बढ़ाया हौसला
भविष्य में भारत को वह कहां देखते हैं, इस सवाल पर मूर्ति ने कहा, ‘मैं लंदन में एचएसबीसी के बोर्ड में हुआ करता था (2008 और 2012 के बीच)। पहले कुछ वर्षों में जब बोर्डरूम (बैठकों के दौरान) में चीन का दो से तीन बार उल्लेख किया जाता था, तो भारत के नाम का एक बार उल्लेख किया जाता था। लेकिन दुर्भाग्य से मुझे नहीं पता कि बाद में (भारत के साथ) क्या हुआ। (पूर्व पीएम) मनमोहन सिंह एक असाधारण व्यक्ति थे और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन, किसी तरह, भारत ठप हो गया (यूपीए के दौर में)। निर्णय नहीं लिए गए और सब कुछ विलंबित हो गया।’
नारायण मूर्ति ने कहा कि जब उन्होंने एचएसबीसी (2012 में) छोड़ा, तो बैठकों के दौरान भारत के नाम का उल्लेख मुश्किल से हुआ जबकि चीन का नाम लगभग 30 बार लिया गया। उन्होंने कहा, ‘इसलिए मुझे लगता है कि यह आपकी (युवा पीढ़ी की) जिम्मेदारी है कि जब भी लोग किसी अन्य देश, विशेष रूप से चीन का नाम लेते हैं, तो वे भारत के नाम का उल्लेख करें। मुझे लगता है कि आप लोग ऐसा कर सकते हैं।’
Mr Narayana Murthy, Founder of @Infosys and Former Chairperson of IIMA, sat down for a chat with Mr @ujwal_kalra and Mr @shobhitshubhnkr, alum and co-author of ‘Startup Compass: How Iconic Entrepreneurs Got It Right’. pic.twitter.com/qjt6k42bYa
— IIM Ahmedabad (@IIMAhmedabad) September 23, 2022
आज पश्चिम में भारत के प्रति सम्मान का एक निश्चित स्तर
अपनी बात जारी रखते हुए नारायण मूर्ति ने कहा, “एक समय था, जब अधिकतर पश्चिमी लोग भारत को नीचा देखते थे, लेकिन आज देश के प्रति सम्मान का एक निश्चित स्तर है, जो अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 1991 के आर्थिक सुधार, जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, और वर्तमान की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी योजनाओं ने देश को जमीन हासिल करने में मदद की है।”
भारत के युवा देश को चीन का एक योग्य प्रतिद्वंद्वी बना सकते हैं
नारायण मूर्ति ने युवाओं से कहा, ‘जब मैं आपकी उम्र का था, तो ज्यादा जिम्मेदारी नहीं थी क्योंकि न तो मुझसे और न ही भारत से ज्यादा उम्मीद की जा रही थी। आज उम्मीद है कि आप देश को आगे ले जाएंगे। मुझे लगता है कि आप लोग भारत को चीन का एक योग्य प्रतिद्वंद्वी बना सकते हैं। चीन ने महज 44 वर्षों में भारत को बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है।’
चीन ने महज 44 वर्षों में भारत को बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया
उन्होंने कहा कि चीन अविश्वसनीय है। यह (चीनी अर्थव्यवस्था) भारत से छह गुना बड़ा है। 44 वर्षों (1978 से 2022 के बीच) चीन ने भारत को इतना पीछे छोड़ दिया है। छह गुना मजाक नहीं है। अगर आप चीजें करते हैं, तो भारत को वही सम्मान मिलेगा, जो आज चीन को मिल रहा है।