दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबिआंतो यूएन में बोले – ‘ओम शांति ओम’, नमो बुद्धाय से खत्म किया भाषण
न्यूयॉर्क, 24 सितम्बर। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में मंगलवार को एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला, जब दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक देश के राष्ट्रपति ने हिन्दू धर्म के ओम शब्द का उच्चारण किया। इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने अपने संबोधन का समापन ‘ओम शांति ओम’ के साथ किया। उनके इस संबोधन की चहुंओर चर्चा हो रही है।
सुबिआंतो ने अपने संबोधन में ‘ओम स्वास्तिअस्तु’ भी कहा, जिसका अर्थ है कि आप धन्य और सुरक्षित रहें। यह इंडोनेशिया के हिन्दू बहुल बाली द्वीप में बोला जाता है। सुबिआंतो ने अपनी स्पीच के अंत में कहा कि ‘ओम शांति, शांति, शांति ओम’। हालांकि, उन्होंने अरबी और हिब्रू में भी कुछ शब्द कहे और अंत ओम नमो बुद्धाय कहा।

इसी वर्ष भारत दौरे पर बोले थे – ‘मेरा डीएनए भारतीय है’
हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब प्रबोओ ने भारतीय भाषा या संस्कृति से जुड़ा कोई बयान दिया हो। इससे पहले वह कह चुके हैं कि उनका डीएनए भारतीय है। उस वक्त भी भारत में उनकी काफी चर्चा हुई थी।
इसी वर्ष जनवरी महीने में अपने भारत दौरे के दौरान उन्होंने कहा था, ‘मैं बताना चाहूंगा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप-राष्ट्रपति जी… कुछ हफ्ते पहले मैंने जेनेटिक सिक्वेंसिंग टेस्ट और डीएनए टेस्ट कराया था और उन्होंने मुझे बताया था कि मेरा भारतीय डीएनए है। हर कोई जानता है कि मैं जब भी भारतीय संगीत सुनता हूं तो थिरकना शुरू कर देता हूं। यह जरूर उसी वजह से होगा।’
इजराइल को दिया खुला समर्थन
राष्ट्रपति सुबिआंतो ने अपने संबोधन के दौरान इजराइल को खुला समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया को इजराइल के सुरक्षित जीवन जीने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने इजराइल को मान्यता देने की भी वकालत की। दिलचस्प यह है कि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है और इजराइल के साथ उसके कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं।
इजराइल को मान्यता दिए जाने की भी वकालत की
सुबिआंतो ने कहा कि ‘हमें इजराइल को भी मान्यता देनी चाहिए, उसका सम्मान करना चाहिए और उसकी सुरक्षा की गारंटी भी देनी चाहिए। तभी हम वास्तविक शांति हासिल कर सकते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि इंडोनेशिया उसी दिन इजराइल को मान्यता देगा, जिस दिन यहूदी देश फिलिस्तीन को मान्यता देगा। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया ऐसी शांति चाहता है, जो दिखाए कि ‘ताकत से सब ठीक नहीं हो सकता’।
इजराइल-फिलिस्तीन के लिए बताया शांति का रास्ता
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘इंडोनेशिया एक बार फिर फिलिस्तीन समस्या के द्वि-राष्ट्र समाधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है। केवल इसी से शांति स्थापित होगी। हमें फिलिस्तीन के लिए देश का दर्जा सुनिश्चित करना होगा और हम इजराइल की सुरक्षा की सभी गारंटी का समर्थन करेंगे।’ इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने इसके साथ ही उन देशों की तारीफ की, जिन्होंने हाल ही में फिलिस्तीन को मान्यता दी है। सुबिआंतो ने इसे ‘इतिहास के सही पक्ष में कदम’ बताया।
गाजा में शांति सैनिक भेजने की कही बात
सुबिआंतो ने इसके साथ ही गाजा में शांति के लिए इंडोनेशियाई सेना भेजने के लिए भी समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि यदि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और यह महासभा तय करती है तो इंडोनेशिया गाजा में शांति सुनिश्चित करने में मदद के लिए अपने 20,000 से भी ज्यादा बेटे-बेटियों (सैनिकों) को तैनात करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया यूक्रेन, सूडान या लीबिया सहित अन्य जगहों पर भी शांति सैनिक भेजने को तैयार है।
