भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर संकट : ट्रंप की टीम ने स्थगित किया भारत दौरा, टैरिफ पर कोई राहत नहीं
नई दिल्ली, 16 अगस्त। अमेरिका ने नई दिल्ली में 25-30 अगस्त को प्रस्तावि अपने व्यापार प्रतिनिधिमंडल की यात्रा स्थगित कर दी है। इसके चलते भारत के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के छठे दौर की वार्ता भी स्थगित हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि निकट भविष्य में भारत को किसी तरह की टैरिफ राहत मिलने की संभावना नहीं है।
अमेरिकी प्रशासन की ओर से यह निर्णय बढ़ते व्यापारिक तनाव और रूसी तेल आयात से जुड़े भारतीय सामानों पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लागू होने से पहले लिया गया है। इस कदम ने दोनों देशों के बीच पहले चरण के समझौते को शरद ऋतु तक पूरा करने के लक्ष्य पर अनिश्चितता पैदा कर दी है।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर भी असर
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में टीम 25 अगस्त से 30 अगस्त तक भारत में वार्ता करने वाली थी। यह बैठक हाल ही में बढ़े व्यापारिक तनाव को कम करने का एक अहम मंच मानी जा रही थी, खासकर तब जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को बढ़ाकर 50% करने का एलान किया है। इस यात्रा के स्थगित होने से द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर भी असर पड़ेगा, जो वस्तु व्यापार के अलावा अन्य कई क्षेत्रों को कवर करने वाला था। अब इसके वर्ष के अंत तक लागू होने की संभावना कम हो गई है।
अमेरिका द्वारा गत सात अगस्त से लागू किया गया प्रारंभिक 25% टैरिफ को ‘जवाबी टैरिफ’ बताया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करना है। इसके अतिरिक्त 25% टैरिफ को रूस से कच्चे तेल की भारत की ‘लगातार खरीद’ के लिए दंडात्मक कदम बताया गया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होना है।
भारत सरकर का रुख सख्त
वहीं भारत सरकार ने इस दंडात्मक टैरिफ को ‘अनुचित और अव्यावहारिक’ करार दिया है और तर्क दिया है कि यूरोपीय संघ, चीन और खुद अमेरिका भी रूसी सामान खरीदते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में स्पष्ट कहा था कि किसानों और पशुपालकों के हितों के विपरीत कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने साफ किया कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद नहीं कर सकता क्योंकि यह आर्थिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हम अमेरिका से भी पहले से ज्यादा खरीद रहे हैं, लेकिन रूसी तेल भी ले रहे हैं, इसे रोकना संभव नहीं।’
