भारत की संयुक्त राष्ट्र में शानदार जीत, सर्वोच्च सांख्यिकीय निकाय में 4 वर्षों के लिए चयनित
नई दिल्ली, 6 अप्रैल। भारत को संयुक्त राष्ट्र में शानदार सफलता मिली, जब उसे अगले वर्ष एक जनवरी से चार वर्षों के कार्यकाल के लिए यूएन की सर्वोच्च सांख्यिकीय निकाय (स्टैटिकल बॉडी) के लिए चुना गया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्विटर पर यह जानकारी साझा की।
जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा, ‘भारत 1 जनवरी 2024 से शुरू होने वाले 4 साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च सांख्यिकीय निकाय के लिए चुना गया है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी मिशन टीम को इस चुनाव में इतनी मजबूती से जीत दर्ज करने के लिए बधाई।’ उन्होंने यह भी कहा कि सांख्यिकी, विविधता और जनसांख्यिकी के क्षेत्र में भारत की विशेषज्ञता ने इसे संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग में स्थान दिलाया है।
🇮🇳's expertise in the field of statistics, diversity & demography has earned it a seat on the UN Statistical Commission. @GoIStats @UNStats @NITIAayog
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 5, 2023
भारत ने यूएई, चीन व कोरिया को पीछे छोड़ 53 में 46 मत हासिल किए
इस मामले के जानकार ने बताया कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के चुनाव में 53 में से 46 वोट हासिल करके शानदार जीत हासिल की जबकि प्रतिद्वंद्वी कोरिया गणराज्य को 23 वोट, चीन को 19 वोट और संयुक्त अरब अमीरात को 15 वोट मिले। यह बहुपक्षीय चुनाव था, जिसमें दो सीटों के लिए चार उम्मीदवार खड़े थे।
उल्लेखनीय है कि एशिया-प्रशांत राज्यों के वर्तमान सदस्य जापान (2024), समोआ (2024) के साथ-साथ कुवैत और कोरिया गणराज्य हैं, जिनका कार्यकाल इस वर्ष समाप्त हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग, 1947 में स्थापित वैश्विक सांख्यिकीय प्रणाली का सर्वोच्च निकाय है, जो दुनियाभर के सदस्य राज्यों के मुख्य सांख्यिकीविदों को एक साथ लाता है।
यह अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकीय गतिविधियों के लिए सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके कार्यान्वयन सहित सांख्यिकीय मानकों की स्थापना और अवधारणाओं और विधियों के विकास के लिए जिम्मेदार है।
आयोग में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा समान भौगोलिक वितरण के आधार पर चुने गए संयुक्त राष्ट्र के 24 सदस्य देश शामिल हैं। पांच सदस्य अफ्रीकी राज्यों से, चार एशिया-प्रशांत राज्यों से, चार पूर्वी यूरोपीय राज्यों से, चार लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन राज्यों से और सात सदस्य पश्चिमी यूरोपीय और अन्य राज्यों से हैं।