हांगझू एशियाई खेल : भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम स्वर्ण से चूकी, लेकिन रजत पदक के साथ रचा इतिहास
हांगझू, 1 अक्टूबर। भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम हांगझू एशियाई खेलों में रविवार को टीम स्पर्धा के स्वर्ण पदक से चूक गई, जब फाइनल में उसे मेजबान चीन के हाथों 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। फिलहाल रजत पदक के बावजूद भारतीय टीम इतिहास रचने में कामयाब रही क्योंकि पूर्व में तीन अवसरों पर उसे कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा था।
INDIA’S BEST-EVER FINISH IN TEAM EVENTS OF ASIAN GAMES 🔥👏
Proud of you boys 🙌
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चोटिल प्रणय के हटने का भारत को नुकसान उठाना पड़ा
वैसे देखा जाए तो भारतीय अभियान को एन वक्त पर एचएस प्रणय को लगी चोट से धक्का लगा, जिन्हें पीठ में तकलीफ उभरने के कारण फाइनल से हटना पड़ा। भारतीयों ने पहले एकल में लक्ष्य सेन और पहले युगल में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी व चिराग शेट्टी की जीत के सहारे 2-0 की अग्रता ले रखी थी।
All smiles after a historic feat 🥈🙌@himantabiswa | @sanjay091968 | @lakhaniarun1 #AsianGames2022#AsianGames#TeamIndia#IndiaontheRise#BadmintonTwitter#Badminton pic.twitter.com/sftg3F0qu6
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लेकिन उसके बाद सेमीफाइनल के हीरो किदाम्बी श्रीकांत अपना एकल मुकाबला हार गए। फिर दूसरे युगल में ध्रुव कपिला-साई प्रतीक कृष्ण प्रसाद की जोड़ी हारी और अंत में निर्णायक एकल रबर में मिथुन मंजूनाथ की हार के चलते भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
लक्ष्य और सात्विक-चिराग ने भारत को दिला दी थी 2-0 की बढ़त
भारत ने अच्छी शुरुआत की, जब कॉमनवेल्थ गेम्स चैम्पियन और दुनिया के 14वें नंबर के शटलर ने लक्ष्य सेन ने चीन के युकी शि के खिलाफ 84 मिनट तक खिंची कश्मकश में 22-20, 14-21, 21-18 से जीत दर्ज की। इसके बाद विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर पर काबिज सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी व चिराग शेट्टी की जोड़ी ने युगल रबर में वेईकेंग लियांग व चांग वांग को 55 मिनट में 21-15, 21-18 से हराकर भारत की बढ़त 2-0 कर दी।
शीफेंग ली से हारे सेमीफाइनल के हीरो किदाम्बी
लेकिन किदाम्बी श्रीकांत दूसरे एकल रबर में शीफेंग ली के हाथों 63 मिनट में 22-24, 9-21 से हार गए। वहीं, साई प्रतीक कृष्ण प्रसाद और ध्रुव कपिला की जोड़ी 44 मिनट तक संघर्ष कर सकी और यूचेन लियू व जुनाई ओउ के खिलाफ सीधे गेमों में 6-21, 15-21 से हार गई।
प्रणय की जगह अंतिम रबर में उतरे मिथुन मंजूनाथ खरे नहीं उतरे
टाई के अंतिम और निर्णायक रबर में प्रणय की जगह उतरे मिथुन मंजूनाथ भी ज्यादा संघर्ष नहीं कर सके और चीन के होंगयांग वेंग ने उन्हें 60 मिनट में 21-12, 21-4 से हराकर 3-2 की निर्णायक बढ़त के साथ स्वर्ण पदक चीन की झोली में डाल दिया।
Kudos to our Men's Badminton Team on winning the Silver Medal at the Asian Games.
Congratulations to @srikidambi, @PRANNOYHSPRI, @lakshya_sen, @satwiksairaj, @Shettychirag04, @ManjunathMithun, @dhruvkapilaa, @SaiPratheek12, @arjunmr, @RohanKa43345391.
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पुरुष टीम स्पर्धा में 37 वर्षों का पदक का सूखा खत्म
खैर, भारतीय टीम ऐतिहासिक रजत के साथ कोर्ट से बाहर निकली और पुरुष टीम स्पर्धा में 37 वर्षों से चला आ रहा पदक का सूखा खत्म किया। सैयद मोदी की अगुआई वाली टीम ने सोल (1986) में अंतिम बार कांस्य पदक जीता था। उससे पहले 1982 में नई दिल्ली और 1974 में तेहरान में भी टीम को कांस्य पदक मिला था।
सोमवार से शुरू होंगे व्यक्तिगत मुकाबले
कुल मिलाकर, एशियाई खेलों में यह भारत का दूसरा रजत पदक था। पीवी सिंधु चार वर्ष पहले जकार्ता में महिला एकल मुकाबले में दूसरे स्थान पर रही थीं। इस बार सिंधु की अगुआई में महिला टीम का सफर क्वार्टरफाइनल में थाईलैंड के खिलाफ हार से खत्म हो गया था। भारतीय शटलर अब सोमवार से एकल, युगल और मिश्रित युगल स्पर्धा में भारत के लिए पदक जीतने की कोशिश करेंगे।