भारतीय सेना की नई डिवीजन बनाने की तैयारी, चीन से लगती पूर्वी लद्दाख में होगी तैनाती
नई दिल्ली, 14 अप्रैल। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले कुछ वर्षों से चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय सेना अपनी तैयारियां लगातार पुख्ता कर रही है। इसी क्रम में पूर्वी लद्दाख में संभावित तैनाती के लिए एक नई सेना डिवीजन बनाने की काफी समय से लंबित योजना को इस वर्ष लागू किए जाने की संभावना है। दरअसल, सेना उत्तरी कमान के तहत पूर्वी लद्दाख में संभावित तैनाती के लिए ’72 डिवीजन’ को बढ़ाने पर विचार कर रही है।
योजना को इस साल लागू किए जाने की संभावना
अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए नई भर्ती नहीं की जाएगी बल्कि सेना अन्य संरचनाओं से नए डिवीजन में तैनाती के लिए मौजूदा कर्मियों को पुनर्गठित कर सकती है। एक डिवीजन में लगभग 14,000 से 15,000 सैनिक होते हैं। यह नई डिवीजन संभवतः 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर (एमएससी) के तहत काम करेगी, जो मूल रूप से पानागढ़ (पश्चिम बंगाल) में स्थित है। स्ट्राइक कोर आक्रामक सीमा पार काररवाई के लिए जिम्मेदार है।
वर्तमान में सेना के पास चार स्ट्राइक कोर हैं
वर्तमान में सेना के पास चार स्ट्राइक कोर हैं – मथुरा स्थित 1 कोर, अंबाला स्थित 2 कोर, भोपाल स्थित 21 कोर और पानागढ़ में 17 एमएससी। इनमें से तीन स्ट्राइक कोर का फोकस पाकिस्तान पर रहता था। चीन से तनाव शुरू होने के बाद चीन से लगती पहाड़ी सीमा की रखवाली के लिए दो स्ट्राइक कोर रखने के लिए 2021 में एक पुनर्गठन किया गया।
चीनी खतरों से निपटने के लिए उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 1 कोर और 17 कोर का पुनर्गठन किया गया। दो इन्फैन्ट्री डिवीजनों के साथ चीन के साथ उत्तरी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 1 कोर की भूमिका को दोबारा निर्धारित किया गया। पूर्वी थिएटर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 17 कोर को मौजूदा कोर से एक अतिरिक्त डिवीजन दिया गया था। चीन के साथ सैन्य गतिरोध की पृष्ठभूमि में 17 कोर के कुछ डिवीजनों को पूर्वी लद्दाख में तैनात किया गया था।
एक बार जब नई डिवीजन को पूर्वी लद्दाख में प्रभावी ढंग से तैनात कर दिया जाएगा, तो पूरे उत्तरी कमान में सैनिकों की दीर्घकालिक तैनाती का फिर से आकलन किया जाएगा। यह निर्णय उत्तरी कमान में योजनाबद्ध किए जा रहे समग्र पुनर्नियोजन परिवर्तनों का हिस्सा है।