भारत अगले AI एक्शन समिट की करेगा मेजबानी, पीएम मोदी ने जताई खुशी
पेरिस, 11 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिखर सम्मेलन की गति बढ़ाने के लिए भारत की ओर से अगली समिट का आयोजन करना खुशी की बात है। फ्रांस की मेजबानी में आयोजित AI एक्शन समिट के अपने समापन संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज की चर्चा से एक बात सामने आई है कि सभी पक्षकारों के दृष्टिकोण और उद्देश्य में एकता है।
The AI Action Summit in Paris is a commendable effort to bring together world leaders, policy makers, thinkers, innovators and youngsters to have meaningful conversations around AI. pic.twitter.com/kSXy0FhuIT
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2025
एआई के लिए वैश्विक साझेदारी बनाने का सुझाव दिया
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं एआई फाउंडेशन और काउंसिल फॉर सस्टेनेबल एआई की स्थापना के फैसले का स्वागत करता हूं। मैं इन पहलों के लिए फ्रांस और मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बधाई देता हूं और हमारे पूर्ण समर्थन का आश्वासन देता हूं। पीएम मोदी ने एआई के लिए वैश्विक साझेदारी बनाने का सुझाव दिया।
भारत सार्वजनिक भलाई के लिए विकसित कर रहा AI एप्लीकेशन
इससे पहले ‘एआई एक्शन समिट’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत सार्वजनिक भलाई के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एप्लीकेशन विकसित कर रहा है और देश के पास दुनिया का सबसे बड़ा एआई टैलेंट पूल है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपनी विविधता को देखते हुए अपना स्वयं का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) बना रहा है।
स्वास्थ्य, कृषि व अन्य के जरिए लाखों लोगों की जिंदगी बदल सकता है AI
पीएम मोदी ने बताया, ‘कंप्यूटिंग पावर जैसे संसाधनों को एकत्रित करने के लिए हमारे पास एक यूनिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल भी है। यह हमारे स्टार्ट-अप और शोधकर्ताओं को किफायती कीमत पर उपलब्ध कराया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘एआई स्वास्थ्य, कृषि और अन्य के जरिए लाखों लोगों की जिंदगी को बदल सकता है। यह एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर सकता है, जिसमें सतत विकास लक्ष्यों की यात्रा आसान और तेज हो जाएगी।’
इतिहास गवाह है कि टेक्नोलॉजी के कारण काम खत्म नहीं होता
एआई के कारण नौकरियां खत्म होने की बहस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि टेक्नोलॉजी के कारण काम खत्म नहीं होता है। उन्होंने आगे कहा, ‘नौकरियों के प्रकार बदल जाते हैं और नई तरह की नौकरियां पैदा होती हैं। हमें इसके लिए स्किल और रिस्किलिंग में निवेश करना होगा, जिससे एआई से संचालित होने वाले भविष्य के लिए लोग तैयार हो सकें।’
