बांग्लादेश में हिन्दू नेता की हत्या : भारत ने कड़ी निंदा के साथ यूनुस सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभाने की दी हिदायत
नई दिल्ली, 19 अप्रैल। भारत ने शनिवार को बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के एक प्रमुख नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या की कड़ी निंदा की। इसके साथ ही यूनुस सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभाने की हिदायत भी दी।
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेस में प्रमुख हिन्दू नेता की हत्या को देश की अंतरिम सरकार के तहत अल्पसंख्यकों के ‘व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न’ का हिस्सा बताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह घटना बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ लक्षित हिंसा की खतरनाक ट्रेंड को दर्शाती है।
रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘हमने बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को व्यथित रूप से देखा। यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिन्दू अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के पैटर्न का अनुसरण करती है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं।’
We have noted with distress the abduction and brutal killing of Shri Bhabesh Chandra Roy, a Hindu minority leader in Bangladesh.
This killing follows a pattern of systematic persecution of Hindu minorities under the interim government even as the perpetrators of previous such…— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 19, 2025
उन्होंने कहा, ‘हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना कोई बहाना बनाए या भेदभाव किए, हिन्दुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाए।’
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष भाबेश रॉय को गुरुवार शाम दिनाजपुर जिले में उनके घर से अगवा कर लिया गया। पुलिस और परिवार के अनुसार, उन्हें शाम करीब 4.30 बजे एक फोन आया, जिसके बाद चार अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन्हें जबरन नाराबारी गांव ले गए। कथित तौर पर रॉय पर हमला किया गया और वे बेहोश पाए गए। उन्हें दिनाजपुर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने भी घटना की निंदा की
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर भी हमले जारी हैं। हाल ही में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में बहुत ही निंदनीय और निराशाजनक टिप्पणी की। बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, मानवाधिकारों का उल्लंघन, 1971 के मुक्ति संग्राम की यादों को मिटाने की कोशिश, भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को कमजोर करने का प्रयास है। 1971 से लेकर आज तक भारत ने हमेशा बांग्लादेश के सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि की कामना की है। यही उपमहाद्वीप के सर्वोत्तम हित में है।’
