कश्मीर को लेकर भारत की तीखी प्रतिक्रिया – सांप्रदायिक एजेंडे के लिए समर्पित है इस्लामिक सहयोग संगठन
नई दिल्ली, 6 अगस्त। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तीन वर्ष पूरे होने पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) द्वारा दिए गए बयान पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। ओआईसी द्वारा जारी बयान का जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऐसे बयानों से साफ होता है कि ओआईसी आतंकवाद के जरिए चलाये जा रहे सांप्रदायिक एजेंडे के लिए समर्पित है।
अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा, ‘ओआईसी के महासचिव के दिए बयान से धर्मांधता की बू आती है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और रहेगा।’
Our response to media queries regarding OIC General Secretariat’s Press Release on Jammu & Kashmir: https://t.co/3RRsCjljxR pic.twitter.com/bpjDN6ZTdL
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) August 5, 2022
ओआईसी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को एकतरफा करार दिया था
इससे पहले शुक्रवार को ओआईसी ने एक बयान जारी कर कहा था कि जम्मू-कश्मीर में तीन साल अनुच्छेद 370 हटाने का भारत सरकार का फैसला एकतरफा था। ओआईसी ने कहा था कि भारत का फैसला गैरकानूनी था और भू-राजनीतिक बदलाव के लिए किया गया था।
कश्मीरियों के मानवाधिकार की बात करते हुए ओआईसी ने कहा था कि वह कश्मीर के लोगों के स्वनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता है, साथ ही ओआईसी ने विश्व समुदाय से अपील की थी कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत जम्मू-कश्मीर विवाद के हल के लिए उचित कदम उठाए।
पाकिस्तान के इशारे पर बयानबाजी कर रहा ओआईसी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी पर पाकिस्तान के इशारे पर बयान जारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ओआईसी के महासचिव मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन करने वाले और सीमा पार, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले के इशारे पर जम्मू-कश्मीर पर बयान जारी करते रहते हैं। ओआईसी के ऐसे बयानों से स्पष्ट है कि वह आतंकवाद के जरिए चलाए जा रहे सांप्रदायिक एजेंडे के लिए समर्पित है।
कश्मीर मुद्दे पर चीन ने भी दी प्रतिक्रिया
उधर कश्मीर मुद्दे पर पूछे गए एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ”कश्मीर के मामले पर चीन की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट रही है। कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच अतीत से चलता आ रहा एक मुद्दा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी यही नजरिया है। हमने पहले भी कहा था कि संबंधित पक्षों को संयम और विवेक से काम लेने की जरूरत है।’