1. Home
  2. हिन्दी
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी : 180 देशों में पाकिस्तान से भी नीचे भारत
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी : 180 देशों में पाकिस्तान से भी नीचे भारत

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक जारी : 180 देशों में पाकिस्तान से भी नीचे भारत

0
Social Share

नई दिल्ली, 3 मई। एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) की ओर से जारी नवीनतम वार्षिक विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 159वें स्थान पर है। इससे पहले 2023 की सूची में भारत 161वें स्थान पर था। वहीं पाकिस्तान सूची में भारत से सात पायदान ऊपर 152वें स्थान पर है। 2023 में वह 150वें स्थान पर था। इस रैंकिंग में नॉर्वे शीर्ष पर है जबकि डेनमार्क दूसरे व स्वीडन तीसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष अब तक भारत में नौ पत्रकारों और एक मीडियाकर्मी को हिरासत में लिया गया है जबकि जनवरी 2024 के बाद से देश में किसी भी पत्रकार/मीडियाकर्मी की हत्या नहीं हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचकांक में कुछ देशों की बेहतर रैंकिंग भ्रामक है क्योंकि उनके स्कोर में गिरावट आई है और सूचकांक में बढ़ोतरी उन देशों की गिरावट का परिणाम है, जो पहले उनसे ऊपर थे।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह भारत (159वें) का मामला है, जो हाल ही में अधिक कठोर कानूनों को अपनाने के बावजूद दो पायदान ऊपर चला गया है।’ इसमें कहा गया है कि मोदी सरकार ने कई नए कानून पेश किए हैं, जो सरकार को मीडिया को नियंत्रित करने, समाचारों को सेंसर करने और आलोचकों को चुप कराने की असाधारण शक्ति देंगे, जिनमें 2023 दूरसंचार अधिनियम, 2023 मसौदा प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक और 2023 डिजिटल पर्सनल डेटा संरक्षण अधिनियम शामिल हैं।

आरएसएफ के विश्लेषण में उल्लेख किया गया है कि 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने और ‘उनकी पार्टी, भाजपा और मीडिया पर हावी होने वाले बड़े परिवारों के बीच एक शानदार तालमेल बनाने’ के बाद से भारत का मीडिया ‘अनौपचारिक आपातकाल की स्थिति’ में आ गया है। इसने एक उदाहरण का हवाला देते हुए बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह के दिग्गज मुकेश अंबानी…70 से अधिक मीडिया आउटलेट के मालिक हैं, जिन्हें कम से कम 800 मिलियन भारतीय फॉलो करते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जो पत्रकार सरकार के आलोचक हैं, उन्हें नियमित रूप से ऑनलाइन उत्पीड़न, धमकी, धमकियों और शारीरिक हमलों के साथ-साथ आपराधिक मुकदमों और मनमानी गिरफ्तारियों का शिकार होना पड़ता है। आरएसएफ के विश्लेषण में कहा गया है, ‘कश्मीर में भी स्थिति बहुत चिंताजनक बनी हुई है, जहां पत्रकारों को अक्सर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा परेशान किया जाता है, कुछ को कई वर्षों तक तथाकथित अनंतिम हिरासत में रखा जाता है।’

भारत सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति खराब

सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति खराब हो गई है, जहां 32 देशों और क्षेत्रों में से 26 ने 2024 विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में अपने स्कोर में गिरावट देखी है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code