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मिस्र में हो रहे शांति सम्मेलन में भारत को भी न्यौता, गाजा में लौटेगी शांति

मिस्र में हो रहे शांति सम्मेलन में भारत को भी न्यौता, गाजा में लौटेगी शांति

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काहिरा, 13 अक्टूबर। इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए मिस्र में सोमवार को आयोजित हो रहे शांति सम्मेलन में भारत सहित करीब 20 देशों और गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया गया है। गाजा पट्टी में शांति लाने के मकसद से मिस्र के मशहूर पर्यटक स्थल शर्म-अल-शेख में सोमवार को आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप करेंगे। उनके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को भी इसमें न्यौता भेजा गया है।

द टाइम्स ऑफ इजरायल ने खबर दी है कि इस बेहद महत्वपूर्ण सम्मेलन में आमंत्रित किए गए देशों में भारत का नाम भी शामिल है। उसने सीसी के कार्यालय के हवाले से बताया कि यह शिखर सम्मेलन क्षेत्र में शांति के लिए श्री ट्रम्प के नजरिए और वैश्विक संघर्षों को खत्म करने की उनकी लगातार की जा रही कोशिशों के अनुरूप है। इसका मकसद गाजा में चल रही जंग को खत्म करना, पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय सहयोग एवं सुरक्षा का एक नया अध्याय शुरू करना है।

मिस्र के विदेश मंत्रालय ने बताया कि शिखर सम्मेलन में गाजा में युद्ध समाप्त करने संबंधी एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस शिखर सम्मेलन को ‘शर्म अल-शेख शांति शिखर सम्मेलन-गाजा में युद्ध की समाप्ति के लिए समझौता’ नाम दिया गया है। गुटेरेस के कार्यालय ने इसमें भाग लेने की पुष्टि की है। इस सम्मेलन में अरब, मुस्लिम, एशियाई और यूरोपीय देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। उनके अलावा कई यूरोपीय नेताओं ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मिस्र आने की पुष्टि कर दी है। इनमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा भी उपस्थित रह सकते हैं।

इनके अलावा ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन, जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय, बहरीन के किंग हमद बिन ईसा अल खलीफा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है। ब्रिटेन सरकार का कहना है कि इस शिखर सम्मेलन में गाजा शांति योजना पर एक ‘हस्ताक्षर समारोह’ भी शामिल होगा, जो ‘दो साल के संघर्ष और रक्तपात के बाद इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक मोड़’ होगा। यह शिखर सम्मेलन हाल के दिनों में शर्म अल-शेख में गहन परोक्ष वार्ता के बाद इजराइल और हमास के बीच हुए युद्धविराम और कैदियों की अदला-बदली पर बनी सहमति के बाद हो रहा है।

बीते दो साल से चल रही इस जंग में 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इस वार्ता की मध्यस्थता मिस्र, कतर और तुर्की ने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर की भागीदारी के साथ की थी। इसके बाद ही युद्धविराम और गाजा में मानवीय सहायता में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ। यह समझौता गाजा के लिए ट्रम्प की शांति योजना के पहले चरण का प्रतीक है, जो युद्धोत्तर शासन और पुनर्निर्माण प्रयासों की नींव रखता है।

इजराइली रिपोर्टों के अनुसार समझौते की शर्तों के तहत इजराइली सेना ने गाजा के अंदर एक हद तक अपनी वापसी पूरी कर ली है। अगले तीन दिनों में हमास को अभी भी बंद सभी 48 कैदियों को रिहा करना होगा, जिनमें से लगभग 20 के जीवित होने का अनुमान है। उम्मीद है कि इजरायल और हमास ट्रम्प की योजना के अगले चरणों पर चर्चा जारी रखेंगे, जिसमें हमास निरस्त्रीकरण, युद्धोत्तर प्रशासन और नए संघर्ष को रोकने के लिए सुरक्षा गारंटी जैसे विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

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