जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी बना, 2030 तक जर्मनी को भी पछाड़ देगा
नई दिल्ली, 30 दिसम्बर। वर्ष 2025 में देश के आर्थिक सुधारों पर सरकार के एक अपडेट के अनुसार, भारत 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी, भारत 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंचने की राह पर है।
भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए है। 2025-26 की दूसरी तिमाही में वास्तविक GDP में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह पहली तिमाही के 7.8 प्रतिशत और पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में दर्ज 7.4 प्रतिशत से बेहतर है।
मजबूत घरेलू विकास से तेज़ी आ रही
एक सरकारी बयान में बताया गया, ‘4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की GDP के साथ जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अगले 2.5 से तीन वर्षों में जर्मनी को तीसरे स्थान से हटाने के लिए तैयार है। 2030 तक अनुमानित GDP 7.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगी।’
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है और चीन दूसरे स्थान पर है। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था मौजूदा वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच इसकी मज़बूती को दिखाती है। प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि घरेलू मांग, खासकर मजबूत निजी खपत ने इस गति को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है।
वैश्विक एजेंसियां भारत के विकास पथ पर भरोसा जता रहीं अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने भारत के मजबूत आर्थिक दृष्टिकोण का समर्थन किया है। विश्व बैंक को 2026 में 6.5 प्रतिशत विकास की उम्मीद है जबकि मूडीज का अनुमान है कि भारत 2026 में 6.4 प्रतिशत और 2027 में 6.5 प्रतिशत विकास के साथ सबसे तेज़ी से बढ़ती G20 अर्थव्यवस्था बना रहेगा। IMF ने अपने अनुमानों को 2025 में 6.6 प्रतिशत और 2026 में 6.2 प्रतिशत तक संशोधित किया है। OECD ने 2025 के लिए 6.7 प्रतिशत और 2026 के लिए 6.2 प्रतिशत विकास का अनुमान लगाया है।
S&P को मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत और अगले वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत विकास की उम्मीद है। एशियाई विकास बैंक ने 2025 के लिए अपने पूर्वानुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है जबकि फिच को अब FY26 में 7.4 प्रतिशत विकास की उम्मीद है, जिसका कारण मजबूत उपभोक्ता खर्च है।
बयान में कहा गया है, ‘भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इस गति को बनाए रखने के लिए अच्छी स्थिति में है। 2047 तक उच्च मध्यम-आय वाला देश बनने की महत्वाकांक्षा के साथ, देश आर्थिक विकास, संरचनात्मक सुधारों और सामाजिक प्रगति की मजबूत नींव पर आगे बढ़ रहा है।’
मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक और मजबूत हुए
रिलीज में बताया गया कि महंगाई दर निचली सहनशीलता सीमा से नीचे बनी हुई है, बेरोजगारी लगातार कम हो रही है और निर्यात में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। वाणिज्यिक क्षेत्र को स्वस्थ क्रेडिट प्रवाह के साथ वित्तीय स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। शहरी खपत मजबूत हुई है, जिससे मांग की स्थितियों को और समर्थन मिला है।
