उमेश पाल अपहरण केस – एमपी-एमएलए कोर्ट से अतीक अहमद सहित 3 आरोपितों को उम्रकैद की सजा
प्रयागराज, 28 मार्च। राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के साथ माफिया अतीक अहमद के गुनाहों का पहला इंसाफ सामने आया, जब मंगलवार को एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने अतीक समेत कुल तीन आरोपितों को दोषी करार दे दिया। तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के साथ कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। ये जुर्माना वसूलकर उमेश पाल के परिवारीजनों को दिया जाएगा।
अतीके के छोटे भाई अशरफ सहित 7 आरोपित बरी
दरअसल, इस मामले में अतीक के छोटे भाई अशरफ सहित कुल 11 आरोपित थे। इनमें से एक की मौत हो चुकी है। 10 में से तीन आरोपित कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। कोर्ट ने अशरफ समेत सात आरोपितों को बरी कर दिया।
फैसला सुनने के बाद भाई से गले मिलकर रोने लगा अतीक
बताया जा रहा है कि फैसला सुनाए जाने के वक्त अतीक अपने भाई अशरफ से गले मिलकर रोने लगा। अतीक, पूर्व पार्षद दिनेश पासी और सौलत हनीफ खान एडवोकेट को दोषी करार दिया गया है। फैसले के बाद कचहरी परिसर में वकीलों ने ‘फांसी दो, फांसी दो’ के नारे भी लगाए।
गौरतलब है कि उमेश पाल और उनके सुरक्षा कर्मियों की पिछले माह 24 फरवरी को प्रयागराज में बदमाशों ने गोली और बम मारकर हत्या कर दी थी। राजू पाल की हत्या के मामले में उमेश से गवाही बदलवाने के लिए अतीक उसके गुर्गों ने 17 वर्ष पहले 28 फरवरी, 2006 को उनका (उमेश) अपहरण कर लिया था। उन्हें अपने दफ्तर ले जाकर टार्चर किया और फिर जबरदस्ती हलफनामा दिलवाकर गवाही बदलवा दी।
सजा पर बहस के बाद दोपहर दो बजे के करीब दोषी करार दिए गए अतीक, दिनेश और सौलत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सजा पर बहस के दौरान अतीक ने खुद अपना पक्ष रखा। अतीक अहमद और दिनेश पासी को 364-ए/34, 120 बी, 147, 323/149, 341, 342, 504 के तहत दोषी ठहराया गया है जबकि सौलत हनीफ खान को, जो अतीक के वकील हैं, 506(2), 7सीआरएलए, 364 और 120 बी के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें सबसे बड़ी धारा 364-ए/34 अपहरण कर जान से मारने की धमकी की है, जिसमें फांसी अथवा आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
उमेश पर ऐसे ढाया गया था जुल्म
दोषी करार दिए गए अतीक के जुल्मों की कहानी कितनी खौफनाक है, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि 2006 में जब उमेश पाल का अपहरण हुआ तो एक साल तक वह अतीक के खिलाफ केस ही नहीं दर्ज करा पाए। फिलहाल यूपी की सत्ता में बसपा के आने और मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद अतीक के खिलाफ केस दर्ज हुआ। उमेश ने पांच जुलाईस 2007 को अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ केस दर्ज कराया। उमेश ने इन पर अपहरण कर अपने दफ्तर में ले जाने, बंधक बनाने, जबरन हलफनामा तैयार कराने और गवाही दिलाने का आरोप लगाया था।
अतीक ने दफ्तर के टार्चर रूम में बनाया था बंधक
पुलिस का मामना है कि अतीक ने उमेश को किडनैप करने के बाद अपने दफ्तर के टार्चर रूम में बंधक बनाया था। वहीं उमेश की बेरहमी से पिटाई की गई थी और जबरन उससे हलफनामा लिया गया कि राजू पाल हत्याकांड में वह मौके पर नहीं था। हलफनामे के साथ अतीक के करीबियों ने उमेश पाल को ले जाकर कोर्ट में पेश किया, जहां उसने गवाही दी थी कि हलफनामा वह अपने होशोहवास में लगा रहा है। उमेश ने अतीक के डर से गवाही दे दी थी कि वह राजू पाल हत्याकांड के वक्त मौके पर नहीं था। इसके बाद उमेश को अतीक के गुर्गों ने छोड़ दिया।
अतीक से मिल जाने की फैल गई थी चर्चा
कोर्ट में विधायक राजू पाल हत्याकांड में दी गई गवाही बदलने के बाद उमेश पाल के बारे में प्रयागराज में चर्चा फैल गई थी कि वह अतीक से मिल गए हैं जबकि सच्चाई यह थी कि उमेश बुरी तरह डरे हुए थे। सूबे की सत्ता बदलने के बाद उनका यह डर कुछ कम हुआ तो उन्होंने अतीक के खिलाफ केस भी दर्ज कराया। अपहरण के एक साल बाद दर्ज हुई एफआईआर को लेकर लम्बी कानूनी लड़ाई चली। इस बीच राजू पाल मर्डर केस की भी कानूनी लड़ाई उमेश लड़ते रहे। इसी बीच 24 फरवरी को घर के बाह गाड़ी से उतरते वक्त बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी। उमेश के साथ उनके दो गनर की भी मौत हो गई थी।
हत्याकांड में कब आएगा इंसाफ
अतीक और उसके गुर्गों को उमेश पाल अपहरण कांड में तो दोषी करार दिया गया, लेकिन उमेश हत्याकांड में इंसाफ का अभी इंतजार है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपित अतीक का तीसरे नंबर का बेटा असद और उसके चार अन्य साथी घटना के बाद से ही फरार हैं। पुलिस ने उन पर पांच-पांच लाख रुपये का ईनाम घोषित कर रखा है। अतीक की पत्नी शाइस्ता पर भी उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप है। वह भी फरार चल रही है। उस पर भी 25 हजार रुपये का ईनाम रखा गया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक दो बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया।
वहीं उमेश पाल की मां और पत्नी अतीक, अशरफ और हत्याकांड में शामिल सभी अपराधियों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि ये जिंदा बच गए तो अगला नंबर उनका हो सकता है। उमेश पाल के बच्चे अभी छोटे हैं। उमेश की हत्या के बाद परिवार में ऐसा कोई नहीं, जो केस लड़ सके। उमेश के परिवार ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर भरोसा जताते हुए उम्मीद जताई है कि उन्हें पूरा इंसाफ जरूर मिलेगा।