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संसद के शीतकालीन सत्र में एक पूरक प्रश्न के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा – सरकार ने स्वास्थ्य को विकास से जोड़ा

संसद के शीतकालीन सत्र में एक पूरक प्रश्न के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा – सरकार ने स्वास्थ्य को विकास से जोड़ा

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नई दिल्ली, 9 दिसंबर। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने आज कहा है कि स्वास्थ्य और विकास एक दूसरे के पूरक है इसलिए सरकार इस क्षेत्र में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए समग्रता में काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को लोकसभा में पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि मोदी सरकार में पहली बार स्वास्थ्य को विकास के साथ जोड़कर देखा गया है। उन्होंने कहा कि देश का नागरिक स्वास्थ्य होगा तभी राष्ट्र का विकास होगा। सरकार ने इसके संपूर्ण रूप से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम करने के लक्ष्य निर्धारित किया है।

उन्होंने कहा कि 2014 में मेडिकल सीटों की संख्या महज क़रीब 44 हज़ार थीं जो अब बढ़कर 96 हज़ार हो गई और इसे और अधिक बढ़ाने का लक्ष्य है। 2014 की तुलना में मेडिकल कालेजों की संख्या दोगुना हो गई है। वहीं नीट पीजी की सीटें भी 2014 में नीट पीजी की 32 हज़ार सीटें थीं जो अब बढ़कर 54 हज़ार हो गई है।

उन्होंने कहा कि किसी भी देश को समृद्ध बनाना है, तो उसके नागरिकों का स्वस्थ रहना ज़रूरी है। इसके लिए हमने हॉलिस्टिक एप्रोच के साथ हेल्थ सेक्टर में काम करना शुरू किया है. उन्होंने कहा कि आज देश में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए भारत सरकार की तरफ से अनुदान दिया जाता है। और सुपर स्पेशियलिटी वार्ड बनाने और अपग्रेडेशन के लिए भी भारत सरकार आर्थिक सहयोग करती है।

उन्होंने कहा कि अपने देश में ही मेडिकल कालेजों और इसमें सीटों को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है ताकि मेडिकल छात्रों को देश में ही पढ़ाई करने की सुविधा मिल सके। स्वास्थ्य मंत्री ने एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि जब मेडिकल कॉलेज की बात होती है तो हम कॉलेज देते हैं, फैकल्टी रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है।

प्राइवेट कॉलेज में यह जिम्मेदारी कॉलेज की होती है। हमें बताया जाता है कि यहां फैकल्टी पूरी है, तो हम यहां से जाँच के लिए भेजते हैं। वहां जाकर जाँच करते हैं तो वहां फैकल्टी दिखती है। ये तो इंटीग्रिटी का सवाल है, खुद को ही देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने सिस्टम बदल दिया है। कॉलेज में साल में एक ही बार इन्सपेक्शन हो और उसी के आधार पर साल का आकलन किया जाए ये उचित नहीं है इसलिए हमने यहां कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया है जहां 16 कैमरे हैं।

हर कॉलेज के गेट पर कैमरे लगे हैं जिनसे कॉलेज में आने वाले लोगों और ओपीडी, मरीजों की जानकारी समेत अन्य जानकारी भी लाइव मिलती है। इसी के आधार पर हम तय करते हैं कि इस कॉलेज को आगे सीट देनी है या नहीं। सरकारने ऐसे कई कॉलेज बंद किए हैं और बाकियों पर भी कार्रवाई होनी है। सरकार इसपर कड़ा एक्शन ले रही है।

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