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महाकुम्भ : महाशिवरात्रि पर 21.46 घंटे तक स्नान का महापुण्यकाल, भोर में 5.09 बजे से शुरू होगा पुण्य स्नान

महाकुम्भ : महाशिवरात्रि पर 21.46 घंटे तक स्नान का महापुण्यकाल, भोर में 5.09 बजे से शुरू होगा पुण्य स्नान

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महाकुम्भ नगर, 25 फरवरी। महाकुम्भ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर इस बार 21.46 घंटे का पुण्यकाल बन रहा है। इस महायोग में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। मकर राशि पर चंद्रमा के गोचर करने के साथ ही परिघ योग में संगम में डुबकी से आखिरी स्नान पर्व का पुण्य सनातनधर्मी अर्जित करेंगे।

गुरुवार की सुबह 08.54 बजे तक चतुर्दशी रहेगी

पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत बुधवार को दिन के 11.08 बजे होगी। गुरुवार की सुबह 08.54 बजे तक चतुर्दशी रहेगी। ऐसे में महाशिवरात्रि पर स्नान का पुण्यकाल गुरुवार को पूर्वाह्न नौ बजे तक रहेगा। इसके अलावा स्नान के कई मुहूर्त बन रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य पं. ब्रजेंद्र मिश्र के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत 05.09 बजे होगी। ब्रह्म मुहूर्त का समापन 5.59 बजे हो जाएगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 6.16 बजे शुरु होगा। यह मुहूर्त शाम 6.42 बजे तक रहेगा। इसके बाद निशीथ काल मुहूर्त रात 12.09 बजे से 12.59 बजे तक रहेगा। महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में महाकुम्भ का अंतिम स्नान शुरू होगा। ब्रह्म मुहूर्त में संगम में स्नान करना विशेष फलदायी होता है।

इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन महाकुम्भ में किसी भी समय आस्था की डुबकी लगाई जा सकती है। धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनी करण और मकर राशि पर चंद्रमा की उपस्थिति रहेगी। इस दिन आराधना से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।

चारों प्रहर की पूजा का विशेष फल

महाशिवरात्रि पर शास्त्रीय मान्यता के अनुसार चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार चार प्रहर की साधना से धन, यश, प्रतिष्ठा और समृद्धि प्राप्त होती है। जिनके जीवन में संतान संबंधी बाधा हो रही हो तो उन्हें भी यह साधना अवश्य करनी चाहिए।

चार प्रहर की पूजा का समय

  • प्रथम प्रहर पूजा का समय : शाम 06.19 बजे से रात्रि 09.26 बजे तक।
  • द्वितीय प्रहर पूजा का समय : रात्रि 09.26 बजे से मध्यरात्रि 12.34 बजे तक।
  • तृतीय प्रहर पूजा का समय : मध्यरात्रि 12.34 बजे से 27 फरवरी, तड़के 03.41 बजे तक।
  • चतुर्थ प्रहर पूजा का समय : 27 फरवरी, भोर में 03.41 बजे से सुबह 06.48 बजे तक।

64 करोड़ पार हो चुकी है श्रद्धालुओं की संख्या

इस बीच महाकुम्भ के छठे और आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर संगम में पुण्य की डुबकी के लिए भक्ति का जन सागर फिर उफना गया है। मंगलवार देर रात तक डुबकी के लिए संगम पर लाखों श्रद्धालु पहुंच गए थे। पुण्यकाल और मुहूर्त का इंतजार किए बिना आधी रात से ही आस्था की डुबकी लगने लगी। मंगलवार को भी एक करोड़ से अधिक ने स्नान किया। अब तक 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं।

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