नई दिल्ली, 16 जुलाई। भारत में व्याप्त कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर खत्म होने के इंतजार के बीच पिछले कुछ दिनों से तीसरी लहर आने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसी क्रम में अब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डिवीजन ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा ने आशंका जाहिर की है कि अगस्त के अंत तक इस जानलेवा संक्रमण की तीसरी लहर भी आ जाएगी।
दूसरी लहर जितनी भयावह नहीं होगी तीसरी लहर
डॉक्टर समीरन पांडा ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर हालांकि दूसरी लहर जितनी भयावह नहीं होगी। संक्रमण का नया वैरिएंट जनजीवन पर डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट जितना कहर नहीं बरपाएगा। लेकिन एक बार फिर से पूरा देश कोरोना की तीसरी लहर की जद में आएगा।
इम्युनिटी को कमजोर कर सकता है नया वैरिएंट
डॉ. पांडा ने यह भी कहा कि अगर ऐसी ही प्रतिरोधक क्षमता कम रही तो यह तीसरी लहर की एक बड़ी वजह बन सकता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कोरोना से लड़कर हासिल की गई इम्युनिटी को भी नया वैरिएंट कमजोर कर सकता है। यदि ऐसा हुआ कि कोरोना का नया वैरिएंट इम्युनिटी को दरकिनार कर गया तो यह संक्रमण बेहद तेजी से फैल सकता है।
एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया भी कर चुके हैं सचेत
गौरतलब है कि हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से आ सकती है। कोरोना संक्रमण के नए-नए वैरिएंट आ रहे हैं, सरकारें लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों में ढील दे रही हैं। ऐसे में कोरोना के वायरस का फैलाव हो सकता है।
आईएमए भी दे चुकी है चेतावनी
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि कोविड -19 की तीसरी लहर जरूर आएगी और यह बेहद नजदीक है। वहीं आईएमए ने राज्य सरकारों से अपील की थी कि वे धार्मिक आयोजनों और बड़ी रैलियों को टालें क्योंकि ऐसे इवेंट कोरोना के सुपर स्प्रेडर बन सकते हैं।