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विश्व पैरा एथलेटिक्स : रिकॉर्ड 22 पदकों के साथ मेजबान भारत का अभियान खत्म, अंतिम दिन 3 रजत सहित 4 पदक जीते

विश्व पैरा एथलेटिक्स : रिकॉर्ड 22 पदकों के साथ मेजबान भारत का अभियान खत्म, अंतिम दिन 3 रजत सहित 4 पदक जीते

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नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। फर्राटा धाविक सिमरन शर्मा ने थकान व पीठ दर्द के बावजूद प्रेरणादायक प्रदर्शन किया और महिलाओं की 200 मीटर टी12 स्पर्धा में रजत पदक जीता। इसके साथ ही रविवार को यहां जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में संपन्न विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में भारत ने रिकॉर्ड 22 पदकों के साथ अपना अभियान खत्म किया। प्रतियोगिता के आखिरी दिन भारत ने तीन रजत और एक कांस्य पदक जीते।

सिमरन, प्रीति व नवदीप ने जीते रजत पदक

सिमरन के अलावा महिलाओं की 100 मीटर टी35 दौड़ में प्रीति पाल ने मानसिक दृढ़ता का परिचय देते हुए रजत पदक जीता। शुरुआत में पिस्टल की खराबी के कारण उन्हें दो बार गर्म और उमस भरी परिस्थितियों में दौड़ना पड़ा। एफ41 भाला फेंक स्पर्धा में पेरिस पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता नवदीप सिंह उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और उन्हें रजत पदक पर संतोष करना पड़ा।

6 स्वर्ण, 9 रजत व 7 कांस्य के साथ 10वें स्थान पर रहा भारत

भारत कुल छह स्वर्ण, नौ रजत और सात कांस्य पदकों के साथ पदक तालिका में दसवें स्थान पर रहा। यदि नवदीप और ऊंची कूद खिलाड़ी प्रदीप कुमार अपने ख्याति के अनुरूप शीर्ष स्थान हासिल रहे होते तो भारत आसानी से चौथे स्थान पर आ सकता था। पुरुषों की 200 मीटर टी44 स्पर्धा के एथलीट संदीप ने 23.60 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ अप्रत्याशित रूप से कांस्य पदक जीत भारत के पदकों की संख्या में इजाफा किया।

ब्राजील 15 स्वर्ण सहित 44 पदकों के साथ तालिका में शीर्ष पर

पदक तालिका में ब्राजील ने 44 पदकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। इसमें 15 स्वर्ण, 20 रजत व नौ कांस्य शामिल हैं। चीन ने 52 पदकों (13 स्वर्ण, 22 रजत, 17 कांस्य) के साथ दूसरे जबकि ईरान ने 16 पदकों (नौ स्वर्ण, दो रजत, पांच कांस्य) के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

सिमरन ने 200 मीटर टी12 रेस में भी अपना सर्वश्रेष्ठ समय निकाला

सिमरन शर्मा की बात करें तो वह पिछले दो दिनों में अपनी छठी स्प्रिंट रेस दौड़ने के बावजूद महिलाओं की 200 मीटर टी12 स्पर्धा में पूरी तरह जोश में नजर आईं। दो दिन पूर्व ही टी20 100 मीटर रेस में करिअर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बीच स्वर्ण पदक जीतने वाली उत्तर प्रदेश की 25 वर्षीया धाविका ने 200 मीटर दौड़ में भी अपना सर्वश्रेष्ठ 24.46 सेकेंड का समय निकाल कर एशियाई रिकॉर्ड कायम किया।

एशियाई रिकॉर्ड तोड़ने पर सिमरन ने जताई संतुष्टि

सिमरन शुरू में वेनेजुएला की अलेजांद्रा पेरेज लोपेज और ब्राजील की क्लारा बैरॉस डी सिल्वा (24.42 सेकेंड) के पीछे तीसरे स्थान पर रहीं। बाद में हालांकि अलेजांद्रा पेरेज लोपेज को अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिससे सिमरन को दूसरा स्थान मिला। सिमरन ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि मैंने घरेलू प्रतियोगिता में दो पदक जीते हैं। मुझे बात की संतुष्टि है कि मैंने एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा है।’ टी12 वर्ग में दृष्टि संबंधित विकारों वाले एथलीट हिस्सा लेते हैं। सिमरन ने अपने गाइड उमर सैफी के साथ दौड़ लगाई। सिमरन ने इससे पहले 2024 में कोबे में हुए पैरा विश्व चैंपियनशिप के इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।

पिस्टल की खराबी के कारण प्रीति को दोबारा दौड़ना पड़ा

उधर महिलाओं की 100 मीटर टी35 फर्राटा धावक प्रीति पाल अपनी जीत का जश्न मनाना शुरू कर चुकी थीं। उन्होंने जीत का जश्न मनाते हुए तिरंगा ओढ़ा और ट्रैक को चूमा, तभी घोषणा हुई कि रेस शुरू करने की घोषणा करने वाले पिस्टल की खराबी के कारण स्पर्धा का आयोजन फिर से होगा। इस 25 वर्षीया धाविका ने समन्वय संबंधी कमजोरी वाले एथलीटों की स्पर्धा में लगभग दो घंटे बाद ट्रैक पर वापसी की और 14.33 सेकेंड के इस सत्र के सर्वश्रेष्ठ समय के साथ चीन की गुओ कियांकियांन (14.24 सेकेंड) के बाद रजत पदक जीत लिया।

प्रीति ने कहा, ‘मेरे लिए फिर से वापस आकर दौड़ना बहुत मुश्किल था। मुझे लगा था कि मैं पदक से चूक जाउंगी। मेरा मनोबल बहुत कम था लेकिन मेरे कोच और फिजियो ने मुझे फिर से तैयार किया। उन्होंने कहा, ‘इस बार भी तुम अच्छा प्रदर्शन करोगी। अब मैं बहुत राहत महसूस कर रही हूं।’

सर्वश्रेष्ठ प्रयास के बावजूद रजत जीत सके भाला प्रक्षेपक नवदीप

वहीं भाला प्रक्षेपक नवदीप 45.46 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ रजत पदक ही जीत सके। ईरान के सादेघ बीट सयाह ने 48.86 मीटर के बड़े थ्रो के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। 24 वर्षीय नवदीप अपने तीसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ तालिका में शीर्ष आ गए थे, लेकिन सिवाय सयाह के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें दूसरे स्थान पर धकेल दिया। एफ41 श्रेणी छोटे कद वाले खिलाड़ियों के लिए होता है।

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