ठाकरे परिवार में मेलजोल की उम्मीदें जगीं : राज ने बढ़ाया हाथ तो उद्धव ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
मुंबई, 19 अप्रैल। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के एक बयान से महाराष्ट्र में राजनीति की धुरी रहे ठाकरे परिवार में एक बार फिर मेलजोल की उम्मीदें जग उठी हैं। दरअसल, राज ठाकरे ने अभिनेता महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में गठबंधन के संकेत दिए। वहीं, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के गठबंधन के प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
मुंबई में कामगार सेना के एक कार्यक्रम के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह राज ठाकरे के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या दोनों भाई हाथ मिलाएंगे और क्या पूरे महाराष्ट्र का सपना पूरा होगा?
‘हम भी छोटे-मोटे विवादों को छोड़कर साथ आने के लिए तैयार’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह भी छोटे-मोटे विवादों को छोड़कर साथ आने के लिए तैयार हैं। वह सभी से महाराष्ट्र के हित में और सभी मराठी लोगों के हित में साथ आने की अपील भी कर रहे हैं। हालांकि, इसमें उनकी एक शर्त है, जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि महाराष्ट्र की परियोजनाओं को गुजरात ले जाया जा रहा है। ठाकरे ने कहा, ‘अगर हमने उस समय इसका विरोध किया होता तो आज यहां मराठी लोगों के हित में सरकार बनती। यह सरकार महाराष्ट्र में भी नहीं बनती।’
‘पहले यह तय करें और फिर महाराष्ट्र के हित में काम करें’
उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा, ‘मैं महाराष्ट्र के हित के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति को तवज्जो नहीं दूंगा और मैं उसे अपने घर नहीं बुलाऊंगा। मैं उसके साथ कतार में नहीं बैठूंगा। पहले यह तय करें और फिर महाराष्ट्र के हित में काम करें।’
राज का मत – ‘मराठी लोगों के अस्तित्व के सामने हमारे मतभेद महत्वहीन’
वहीं पॉडकास्ट में दिग्गज अभिनेता महेश मांजरेकर ने राज ठाकरे से सीधा सवाल पूछा, ‘क्या उद्धव ठाकरे और आप साथ आएंगे?’ इस सवाल पर कोई टालमटोल किए बिना या इस सवाल पर बात करने से बचते हुए राज ठाकरे ने महेश मांजरेकर के सवाल का जवाब दिया, ‘महाराष्ट्र बहुत बड़ा है। इस राज्य के लोगों के मुद्दों और समस्याओं के सामने हमारे दोनों भाइयों के बीच मतभेद और विवाद बहुत मामूली हैं।
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने जवाब दिया, ‘महाराष्ट्र में मराठी लोगों के अस्तित्व के सामने ये सारी बातें महत्वहीन हैं। मुझे नहीं लगता कि हमारे लिए एक साथ आना और साथ रहना बहुत मुश्किल है। मुद्दा केवल इच्छाशक्ति का है क्योंकि यह सिर्फ मेरे तक सीमित नहीं है। मेरी राय है कि सभी मराठी लोगों को एक साथ आना चाहिए और एक पार्टी बनानी चाहिए।’
