ज्ञानवापी मामला : वाराणसी कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौदी देगा हिन्दू पक्ष
वाराणसी, 14 अक्टूबर। धार्मिक नगरी वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद में जिला अदालत के फैसले को हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। जिला अदालत ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग खारिज कर दी।
वाराणसी कोर्ट ने अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के परिसर में उस जगह को सील करने के आदेश को भी बरकरार रखा है। कोर्ट का कहना है कि कि कार्बन डेटिंग की प्रक्रिया से कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है।
कोर्ट का यह आदेश हिन्दू पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘हम इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। कोर्ट ने ये कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उस जगह को सील कर रखा है इसलिए हम इसमें कोई भी ऑर्डर पास नहीं कर सकते।’
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में मुस्लिम पक्ष की दलील सुनने के बाद स्थानीय अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वादी द्वारा कार्बन डेटिंग और फौव्वारे की वैज्ञानिक जांच की मांग करने वाली याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई थी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग नुमा पत्थर को जहां मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा बताया है तो वहीं हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया है।
मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति (एआईएमसी) के वकील रईस अहमद ने अपनी दलील में यह कहा था कि पत्थर की कार्बन डेटिंग संभव नहीं है क्योंकि पत्थर एक कार्बनिक पदार्थ नहीं है। साथ ही संरचना सूट संपत्ति का हिस्सा नहीं है और इसलिए इसकी उम्र को सत्यापित करने के लिए कार्बन डेटिंग या वैज्ञानिक जांच करना ‘अप्रासंगिक’ है।