कोरोना संकट : मई के पहले तीन हफ्तों में मृतकों की संख्या 92 फीसदी तक बढ़ी, दिल्ली का सीएफआर सबसे ज्यादा
नई दिल्ली, 23 मई। इसमें कोई शक नहीं कि देश में कोरोना की दूसरी लहर अब धीमी हो चली है और संक्रमण के मामले तेजी से कम हो रहे हैं। लेकिन मई माह के दौरान इस महामारी से पूरे देश में मृत्यु दर तेजी से बढ़ी है। महीने के शुरुआती तीन हफ्तों यानी 21 मई तक के आंकड़े देखें तो पिछले तीन हफ्तों (10 से 30 अप्रैल) के मुकाबले इस अवधि के दौरान हुई मौतों में 92 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो बड़े राज्यों में दिल्ली का केस फैटलिटी रेट (सीएफआर) सबसे ज्यादा रहा है। यहां मई के पहले तीन हफ्तों में 6,684 मरीजों की मौत हुई और मृत्यु दर 2.54% रही। दूसरे नंबर पर रहे पंजाब में इस दौरान 2.46% की दर से 3,874 मौतें दर्ज की गईं।
राष्ट्रीय राजधानी में 21 मई तक 2.63 लाख से तनिक ज्यादा मामले दर्ज किए गए और 6,684 मौतें हुईं। इस दौरान दिल्ली में मृत्यु दर (2.54%) इससे पहले के तीन हफ्तों में दर्ज सीएफआर 1.12% के दोगुने से भी ज्यादा रही। दिल्ली में ओवरऑल सीएफआर 1.63% है।
मई के महीने में राष्ट्रीय स्तर पर भी मृत्यु दर में अच्छी-खासी उछाल देखा गई। 21 मई तक CFR 1.17% रही, जो कि इससे पहले के तीन हफ्तों (10 अप्रैल-30 अप्रैल) के बीच 0.73% थी।
भारत में 21 मई तक 83,135 मौतें दर्ज की गईं, जो उसके पिछले तीन हफ्तों में दर्ज 43,258 मौतों से 92 प्रतिशत ज्यादा हैं। इसके मुकाबले संक्रमण के नए मामलों के आंकड़े देखें तो वे 10-30 अप्रैल के बीच 59.5 लाख से 20% बढ़कर 1-21 मई के बीच 71.3 लाख तक पहुंच गए। यानी केसेज के मुकाबले मौतों में तीन गुना से भी ज्यादा उछाल देखी गई।
हालांकि आठ मई के बाद से ही संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं, लेकिन मौतों का आंकड़ा काफी धीमी रफ्तार से नीचे आ रहा है। शायद इसके पीछे आमतौर पर संक्रमितों और मौतों के बीच दिखने वाला दो सप्ताह का अंतर हो। देश में कुल 2,99,266 मौतों के साथ मौजूदा सीएफआर 1.13% है।
उत्तराखंड का, जहां इस वर्ष आयोजित कुंभ बीच में ही स्थगित करना पड़ा, CFR 2.34% है, जो देश में इस लिहाज से तीसरे नंबर पर है। 10-30 अप्रैल के बीच वहां की मृत्यु दर 1.18% थी। उच्च मृत्यु दर वाले अन्य राज्यों में झारखंड (2.24%), गोवा (2.14%) और महाराष्ट्र (1.85%) शामिल हैं।
महाराष्ट्र में मई में सबसे ज्यादा 17,097 मौतें हुईं
महाराष्ट्र में मई महीने में सर्वाधिक 17,097 मौतें दर्ज की गईं। वहां 10-30 अप्रैल के बीच मृत्यु दर 0.87% रही थी। मई के महीने में 8,749 मौतों के साथ कर्नाटक दूसरे नंबर पर रहा। वहां का CFR इस महीने 1.04% है। अन्य बड़े राज्यों की बात करें तो मई माह में सबसे कम CFR ओडिशा (0.17%) का है। इसके बाद केरल (0.23%), पश्चिम बंगाल (0.68%), तेलंगाना (0.73%), बिहार (0.84%), मध्य प्रदेश और तमिलनाडु (दोनों 0.92%) का नंबर है।