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हिमाचल में आफत की बारिश: ऊना में टूटा 35 साल का रिकॉर्ड, घरों में घुसा पानी, प्रदेशभर में 403 सड़कें बंद

हिमाचल में आफत की बारिश: ऊना में टूटा 35 साल का रिकॉर्ड, घरों में घुसा पानी, प्रदेशभर में 403 सड़कें बंद

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ऊना, 3 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए यलो अलर्ट के बीच, शनिवार को ऊना में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई, जहां छह घंटों के भीतर 220 मिलीमीटर और 24 घंटों में 251 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। यह 1988 के बाद की सबसे अधिक बारिश है, जब एक दिन में 198 मिलीमीटर वर्षा हुई थी।

भारी बारिश के कारण, ऊना शहर के तीन किलोमीटर क्षेत्र में तीन-चार फीट तक पानी भर गया है, जिससे चंडीगढ़-धर्मशाला नेशनल हाईवे भी प्रभावित हुआ है। रक्कड़, फेंड्रज और डीआईसी कॉलोनी जैसे इलाकों में 36 से अधिक घरों और दुकानों में पानी और मलबा घुस गया है। इसके अलावा, ट्रैक पर जलभराव और भूस्खलन के कारण ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुई हैं, जिससे ट्रेनें नंगल से ही लौट गईं। राज्य भर में 403 सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर पंडोह के कैंचीमोड़ में भूस्खलन के कारण पांच घंटों तक यातायात ठप रहा। कांगड़ा और कुल्लू में हवाई उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं।

ऊना में बारिश ने कई सरकारी इमारतों को भी नुकसान पहुँचाया है। रोटरी बचत भवन और पुराने उपायुक्त कार्यालय में पानी घुस गया है, जबकि पंडोगा पुल धंस गया है। होली खड्ड और पेखुबेला खड्ड पर बने पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है, जिससे संतोषगढ़-ऊना मार्ग पर आवाजाही रुक गई है।

कुल्लू जिले के बंजार में भी स्थिति गंभीर है। बठाहड़-सरूट-बशलेउ मार्ग पर दरारें आने से छह घरों को खतरा पैदा हो गया है, जिसके चलते 37 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए टेंटों में स्थानांतरित किया गया है। घलियाड़ गाँव में भी 10 मकानों को खाली करवाया गया है।लाहौल-स्पीति की मयाड़ घाटी में गुरधार नाले पर बना स्टील पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे कई गाँवों का संपर्क टूट गया है। बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। प्रदेश भर में 411 ट्रांसफार्मर और 196 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं।

ब्यास नदी में लगातार जलस्तर बढ़ने से पौंग बांध का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे बीबीएमबी प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा जिले में दो मकान पूरी तरह ढह गए हैं, जबकि 17 घरों और 24 गोशालाओं को क्षति पहुंची है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।

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