हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा – मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती बरकरार रखें, भड़काऊ भाषणों पर नियंत्रण की भी जरूरत
कोलकाता, 17 अप्रैल। कलकत्ता हाई कोर्ट ने वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि वहां अभी केंद्रीय बलों की तैनाती बरकरार रखी जानी चाहिए। अदालत ने साथ ही राज्य सरकार को हिदायत दी है कि भड़काऊ भाषणों पर भी नियंत्रण की जरूरत है।
हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण न दिए जाएं, जिनसे हिंसा भड़कने की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा अदालत ने माना है कि अब भी मुर्शिदाबाद जिले में हालात सामान्य नहीं हैं। इसलिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती रहनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। इस घटना में कई लोग मारे गए तो सैकड़ों परिवारों को पलायन करना पड़ा है। करीब ढाई सौ परिवार पड़ोस के मालदा जिले में पलायन कर गए हैं और वहां कैंपों में गुजर करने को मजबूर हैं।
मुर्शिदाबाद के बवाल को लेकर राजनीति भी तेज है। बंगाल का यह जिला सांप्रदायिक लिहाज से संवेदनशील है। यहां से टीएमसी के युसूफ पठान सांसद हैं, जिन्होंने 2024 के चुनाव में अधीर रंजन चौधरी को मात दी थी, जो कांग्रेस से यहां से लगातार जीतते थे।
मुर्शिदाबाद का दौरा करेंगे राज्यपाल सीवी आनंद बोस
इस बीच राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस का कहना है कि वह जमीनी हालात जानने के लिए मुर्शिदाबाद जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं जमीनी हालात जानने के लिए मुर्शिदाबाद जा रहा हूं। मैं इस मामले में हर पहलू को देखूंगा। फिलहाल स्थिति कंट्रोल में लाई जा रही है। हमें कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न होने पाएं। मैं निश्चित तौर पर मुर्शिदाबाद जाऊंगा। उस इलाके के लोगों ने अपील की है कि फिलहाल बीएसएफ के जवानों को वहां बने रहने दिया जाए।’
वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि मुर्शिदाबाद हिंसा में बीएसएफ और भाजपा के ही लोगों का हाथ है। दरअसल, पहले ही कह चुकी हैं कि पश्चिम बंगाल में वक्फ एक्ट को लागू नहीं किया जाएगा। वहीं भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी के रुख से कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा मिल रहा है और वे हिंसा कर रही हैं।
