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गुकेश ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में रचा इतिहास, विश्व खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बने

गुकेश ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में रचा इतिहास, विश्व खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बने

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टोरंटो, 22 अप्रैल। भारत के किशोर वय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया और 17 वर्ष की वय में विश्व चैम्पियनशिप खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बन गए। उन्होंने इस क्रम में पूर्व विश्व चैम्पियन गैरी कास्परोव का 40 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। कास्परोव 1984 में 22 वर्ष के थे, जब उन्होंने रूस के ही अनातोली कारपोव को विश्व चैम्पियनशिप खिताब के लिए चुनौती दी थी ।

गुकेश अब मौजूदा विश्व चैम्पियन डिंग लिरेन को देंगे चुनौती

चेन्नईवासी गुकेश ने यहां कैंडिडेट्स शतरंज टर्नामेंट के 14वें और आखिरी दौर में अमेरिका के हिकारू नकामूरा से ड्रॉ खेला। विश्व चैम्पियन के चैलेंजर का निर्धारण करने वाले इस टूर्नामेंट में उनके 14 में से नौ अंक रहे। वह मौजूदा विश्व चैम्पियन चीन के डिंग लिरेन को इस वर्ष के अंत में चुनौती देंगे।

78.5 लाख की ईनामी राशि जीतकर बोले गुकेश – ‘बहुत राहत महसूस कर रहा हूं

पांच लाख यूरो ईनामी राशि वाले टूर्नामेंट में पुरस्कार के तौर पर 88,500 यूरो (78.5 लाख रुपये) जीतने वाले गुकेश ने जीत के बाद कहा, ‘बहुत राहत महसूस कर रहा हूं। मैं फेबियानो कारूआना और इयान नेपाम्नियाश्चि के बीच मैच देख रहा था। इसके बाद टहलने चला गया, जिससे मदद मिली।’

गुकेश कैंडिडेट्स खिताब जीतने वाले आनंद के बाद दूसरे भारतीय बने

गुकेश यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बन गए। पांच बार के विश्व चैम्पियन आनंद ने 2014 में खिताब जीता था। गुकेश ने 12 वर्ष की उम्र में ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल किया था और वह शतरंज के इतिहास में तीसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने थे। उन्होंने हांगझोउ एशियाई खेलों में रजत पदक भी जीता था।

विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को दी बधाई

इस बीच विश्वनाथन आनंद ने एक्स पर लिखा, ‘डी गुकेश को सबसे युवा चैलेंजर बनने पर बधाई । आपकी उपलब्धि पर गर्व है। मुझे निजी तौर पर तुम पर बहुत गर्व है, जिस तरह से तुमने कठिन हालात में खेला। इस पल का आनंद लो।’

उपाधि जीतने के लिए गुकेश को नकामुरा के खिलाफ सिर्फ ड्रॉ की जरूरत थी

दरअसल, गुकेश को जीत के लिए ड्रॉ की ही जरूरत थी और उन्होंने नकामूरा के खिलाफ कोई कोताही नहीं बरती । दूसरी ओर कारूआना और नेपाम्नियाश्चि की बाजी भी ड्रॉ रही। यदि दोनों में से कोई जीतता तो टाईब्रेक होता। कारूआना, नेपाम्नियाश्चि और नकामूरा तीनों के 8.5 अंक रहे और वे संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे।

प्रज्ञानानंद पांचवें स्थान पर रहे, विदित गुजराती को छठा स्थान

भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानानंद सात अंक लेकर पांचवें स्थान पर रहे, जिन्होंने अजरबैजान के निजात अबासोव को हराया। विदित गुजराती ने फ्रांस के फिरोजा अलीरजा से ड्रॉ खेला और वह छठे स्थान पर रहे। अलीरजा सातवें और अबासोव आठवें स्थान पर रहे।

 

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