संसद के मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक : विपक्ष की मांग पर सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार
नई दिल्ली, 19 जुलाई। केंद्र सरकार ने गुरुवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से आज एक परंपरागत सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में सत्र से संबंधित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।
इसी क्रम में सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्षी दलों की मांग पर सरकार मॉनसून सत्र के दौरान मणिपुर में जारी जातीय हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार हो गई है। वहीं, विपक्ष ने महंगाई पर भी चर्चा की मांग उठाई है.
हर मसले पर चर्चा के लिए तैयार सरकार – प्रह्लाद जोशी
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में कहा कि सरकार नियम के तहत हर मसले पर चर्चा के लिए भी तैयार है। 20 जुलाई से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा।
अधीर रंजन बोले – संसद चलाने के लिए विपक्ष के मुद्दों को जगह देनी होगी
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है। यदि सरकार चाहती है कि संसद चले तो उसे विपक्ष के मुद्दों को जगह देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बैठक में कांग्रेस ने सत्र में मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग की है।
‘आप‘ ने उठाई दिल्ली अध्यादेश को वापस लेने की मांग
वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद आप संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘बैठक में मोदी सरकार से दिल्ली के काले अध्यादेश को वापस लेने की मांग उठाई। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों का फैसला आठ दिनों में कैसे बदल दिया गया? आखिर अध्यादेश के ज़रिए संविधान संशोधन कैसे किया जा सकता है?’
सत्र के दौरान कुल 31 बिल पेश करने की तैयारी
सूत्रों का कहना है कि संसद के इस सत्र में जो बिल पेश किए जाएंगे, उसमें सबसे पहला बिल दिल्ली को लेकर लाए गए अध्यादेश से जुड़ा हुआ है। सत्र के दौरान कुल 31 बिल पेश करने की तैयारी है।
इन दलों के नेता बैठक में हुए शामिल
बैठक में कांग्रेस से जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, सपा से रामगोपाल यादव और एसटी हसन, एआईडीएमके से थम्बो दुरई, ‘आप’ से संजय सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, आरजेडी से एडी सिंह सहित अन्य नेताओं के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनके प्रेमचंद्रन पहुंचे।
दरअसल, संसद के किसी सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जिसमें विभिन्न दल अपने मुद्दों को रखते हैं। इस बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी शामिल होते हैं। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की तरफ से पहले यह बैठक मंगलवार (18 जुलाई) को आहूत की गई थी, लेकिन विपक्षी दलों और एनडीए की दो अलग-अलग बैठकों के कारण कई दलों के नेता उपलब्ध नहीं थे। इसलिए बैठक एक दिन आगे सरकानी पड़ी।