गोपनीयता विवाद पर सरकार का स्पष्टीकरण : संचार साथी मोबाइल एप अनिवार्य नहीं, इसे हटाया भी जा सकता है
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर। केंद्र सरकार ने गोपनीयता विवाद पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि संचार साथी मोबाइल एप अनिवार्य नहीं है और इसे हटाया भी जा सकता है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी।
“साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए संचार साथी को देश के हर नागरिक तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है।” pic.twitter.com/mfRwsUX0wC
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 2, 2025
सिंधिया बोले – एप रखना या हटाना पूरी तरह उपयोगकर्ता की इच्छा पर निर्भर
दरअसल, यह स्पष्टीकरण उस समय आया है, जब एप को लेकर गोपनीयता (प्राइवेसी) पर विवाद बढ़ रहा है। सिंधिया ने कहा कि एप रखना या हटाना पूरी तरह उपयोगकर्ता की इच्छा पर निर्भर है। उन्होंने कहा, ‘यदि आप संचार साथी नहीं रखना चाहते तो इसे हटा सकते हैं। यह वैकल्पिक है… हमारा केवल इतना दायित्व है कि हम लोगों को इस ऐप से परिचित कराएं।’
प्लेटफॉर्म निगरानी नहीं करता और न ही कॉल मॉनिटरिंग की अनुमति देता है
सिंधिया ने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्लेटफॉर्म न तो निगरानी करता है और न ही कॉल मॉनिटरिंग की अनुमति देता है। यह प्रतिक्रिया उस पृष्ठभूमि में आई है जब केंद्र सरकार ने सभी नए निर्मित या आयातित मोबाइल फोनों में संचार साथी एप को पूर्व-स्थापित (pre-installed) करने का निर्देश दिया था, जिसे कई लोगों ने गोपनीयता का उल्लंघन बताया। सरकार ने कहा कि इसका उद्देश्य नागरिकों को नकली या गैर-प्रामाणिक मोबाइल उपकरणों से बचाना है।
