विमानन कम्पनी गो फर्स्ट दिवालिया होने की कगार पर, दो दिनों के लिए सभी उड़ानें रद
नई दिल्ली, 2 मई। वाडिया ग्रुप की एयरलाइन कम्पनी गो फर्स्ट (Go First) दिवालिया होने की कगार पर जा पहुंची है। कम्पनी ने एनसीएलटी (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग के लिए आवेदन किया है। कम्पनी के सीईओ कौशिक खोना के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।
एयरलाइन के पास कैश खत्म, 3 व 4 मई को नहीं उड़ेंगे कम्पनी विमान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खोना ने कहा कि एयरलाइन के 28 विमान ग्राउंड कर दिए गए हैं। यानी आधे से ज्यादा विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इंजन बनाने वाली कम्पनी प्रैट एंड ह्विटनी (Pratt & Whitney) ने उसकी सप्लाई बंद कर दी है। इससे कम्पनी के पास फंड की भारी कमी हो गई है। एयरलाइन के पास कैश खत्म हो चुका है। इस कारण वह ऑयल मार्केटिंग कम्पनियों के बकाये का भुगतान नहीं कर पा रही है। इन कम्पनियों ने उसे तेल देने से इनकार दिया है। गो फर्स्ट के विमान तीन और चार मई को उड़ान नहीं भरेंगे।
कम्पनी ने एनसीएलटी में दाखिल किया आवेदन
कौशिक खोना ने कहा कि एनसीएलटी में इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग के लिए फाइल करना एक दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है, लेकिन कम्पनी के हितों को बचाने के लिए मजबूरन ऐसा करना पड़ा है। एयरलाइन ने इस बारे में सरकार को भी जानकारी दे दी है। साथ ही वह सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) को भी इस बारे में इस व्यापक रिपोर्ट देगी।
इंजन न मिलने से आधे से ज्यादा विमान पहले ही उड़ान नहीं भर पा रहे
इंजन नहीं मिल पाने के कारण कम्पनी के आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इस कारण उसका कैश फ्लो बुरी तरह प्रभावित हुआ है। साथ ही उसके एयरबस ए320 नियो विमानों को Pratt & Whitney इंजन की सप्लाई नहीं हो रही है। गो फर्स्ट स्ट्रैटजिक इनवेस्टर की तलाश कर रही है और संभावित निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है।
कम्पनी पिछले कई हफ्तों से कैश जुटाने के लिए संघर्षरत
कम्पनी पिछले कई हफ्तों से कैश जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है। उसका कहना है कि तीन और चार मई को उसने अपनी सभी फ्लाइट्स को कैंसल कर दिया है। एक ऑयल मार्केटिंग कम्पनी के अधिकारी ने कहा कि गो फर्स्ट कैश एंड कैरी मोड में है। इसका मतलब यह है कि कम्पनी डेली उड़ने वाली फ्लाइट्स के आधार पर पे कर रही है। इस बात पर सहमति बनी है कि अगर कम्पनी ने भुगतान नहीं किया तो उसे तेल की बिक्री बंद कर दी जाएगी। एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने इस बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया।
इंजन बनाने वाली कम्पनी के खिलाफ गो फर्स्ट ने मुकदमा भी कर रखा है
इस बीच एयरलाइन ने विमानों का इंजन बनाने वाली कम्पनी Pratt & Whitney के खिलाफ अमेरिका की एक अदालत में मुकदमा कर रखा है। इससे पहले 30 जून को एक फैसला गो फर्स्ट के पक्ष में आया था। इसमें कहा गया था कि अगर एयरलाइन को इंजन नहीं मिले तो वह बंद हो जाएगी। गो फर्स्ट ने इस फैसले को लागू करवाने के लिए अमेरिकी कोर्ट में केस किया है। 31 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक गो फर्स्ट के पास 30 विमान ऑपरेट नहीं कर पा रहे हैं। इनमें नौ ऐसे विमान भी हैं, जिनके लीज पेमेंट का भुगतान किया जाना है।
कम्पनी की वेबसाइट के मुताबिक उसके बेड़े में 61 विमान हैं। इनमें 56 ए320 नियो और पांच ए320सीइओ हैं। कम्पनी के ऐसे समय में पैसेंजर रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है, जब महामारी के बाद एयर ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है। एयरलाइन की योजना इन गर्मियों में हर हफ्ते 1538 फ्लाइट्स ऑपरेट करने की है, जो पिछले साल के मुकाबले 40 कम है। यह सीजन 26 मार्च से शुरू हो चुका है और 28 अक्टूबर तक चलेगा।
कम्पनी के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट आ रही
गो फर्स्ट ने जुलाई 2022 में पहली बार अपने विमानों को ग्राउंड किया था। उसके बाद से कम्पनी के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट आ रही है। फरवरी में यह आठ प्रतिशत रह गया था, जब 963,000 यात्रियों ने उसके विमानों में उड़ान भरी थी। पिछले वर्ष मई में कम्पनी का मार्केट शेयर 11.1 फीसदी था, तब 12.7 लाख यात्रियों ने गो फर्स्ट के विमानों में उड़ान भरी थी। पैसेंजर्स की संख्या में कमी से कम्पनी के फाइनेंशियल पर भारी असर पड़ा है। फाइनेंशियल ईयर 2022 में कम्पनी को 21.8 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था। इससे पिछले साल यह घाटा 10.5 करोड़ डॉलर था।