गिरिराज बोले – ‘वोट के सौदागर’ भंग करना चाहते हैं सामाजिक सद्भाव, देशभर में लागू हो एनआरसी
नई दिल्ली, 21 अप्रैल। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के लिए एक कानून की वकालत की है। उन्होंने दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के बाद गुरुवार को यह मांग उठाते हुए कहा कि ‘वोट के सौदागर’ सामाजिक सद्भाव भंग करना चाहते हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज ने अपने संदेश में जहांगीरपुरी की घटना का संबंद्ध पूर्व में हुई घटनाओं से जोड़ा, जिनमें संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन, राम मंदिर निर्माण का विरोध और हाल में हिजाब विवाद शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि जहांगीरपुरी में ढांचों को गिराए जाने के उत्तर दिल्ली नगर निगम के अभियान के बाद से बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।
आज जहाँगीपूरी घटना के बाद देश में सनातन सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की जो कोशिश हो रही है इस माहौल में अब समय आ गया की एन आर सी (NRC) क़ानून लाना चाहिए,इस पर बहस सड़क से लेकर संसद तक होनी चाहिए …. pic.twitter.com/yLfuFueGUt
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) April 21, 2022
गिरिराज ने कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने राम नवमी पर शोभायात्राओं को निशाना बनाने के लिए पुलिस पर गोली चलाई और तलवारें लहराईं। उन्होंने इसके साथ ही हाल में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मी पर हुए हमले का भी हवाला दिया।
एनआरसी कानून के लिए संसद से सड़क तक बहस की जरूरत
बेगूसराय के भाजपा सांसद ने कहा, ‘जहांगीरपुरी की घटना के बाद सबसे महत्वपूर्ण है कि पूरे देश में एनआरसी कानून को लागू किया जाना चाहिए। पूरी दुनिया में प्रत्येक देश में नगारिकों के लिए पहचान पत्र है और यह भारत में भी होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि इस पर सड़क से लेकर संसद तक में बहस होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में केवल असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी बनाने का प्रावधान है। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया उस समय विवाद में आ गई, जब बड़ी सख्या में गैर कानूनी बांग्लादेशियों को इसमें शामिल होने और वास्तविक नागरिकों के इस प्रक्रिया में छूट जाने की शिकायतें आईं।
विपक्षी पार्टियों द्वारा भाजपा पर नफरत फैलाने और समाज में विभाजन पैदा करने के लगाए गए आरोपों पर गिरिराज ने कहा कि ये ‘वोट के सौदागर’ कई बार मस्जिद तो कई बार मंदिर जाते हैं और देश के मुकाबले वोट को प्राथमिकता देते हैं।