वाराणसी में तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ रहीं गंगा, नौका संचालन ठप, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का गंगा द्वार बंद
वाराणसी, 7 अगस्त। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार वर्षा के साथ यमुना का दबाव बढ़ने पर वाराणसी में गंगा ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। गंगा के जलस्तर में तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण नौका संचालन पर रोक लगा दी गई है और श्रद्धालुओं के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का गंगा द्वार भी बंद कर दिया गया है।
गंगा में सोमवार की सुबह चार सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा। दोपहर दो बजे तक गंगा का जलस्तर 68.04 मीटर पर पहुंच गया। यह चेतावनी बिंदु से करीब ढाई मीटर दूर है। वाराणसी में चेतावनी बिन्दु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर पर है। वर्तमान में गंगा तीन सेमी प्रति घण्टे के रफ्तार से बढ़ रही हैं। रफ्तार यही बनी रही तो अगले दो दिनों में गंगा चेतवानी बिंदु को पार कर जाएंगी।
इसके पूर्व रविवार रात 10 बजे जलस्तर 67.46 मीटर पर पहुंच गया। बाढ़ के आगोश में घाट किनारे के मंदिर आने लगे हैं। दशाश्वमेध घाट के सिद्धपीठ शीतला मंदिर में गंगा का पानी प्रवेश करने के साथ ही मणिकर्णिका घाट पूरी तरह डूब गया। ललिता घाट से विश्वनाथ धाम की सीढ़ियों पर पानी तेजी से चढ़ने लगा है। सिंचाई विभाग (बंधी प्रखंड) अधिशासी अभियंता राजेश यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश में भारी बारिश का पानी चंबल, केन व बेतवा आदि नदियों के जरिए यमुना में आ रहा है। उसका प्रयागराज के आगे गंगा पर असर पड़ा है।
ढाब क्षेत्र में घुसीं गंगा
गंगा में तेज प्रवाह का असर ग्रामीण इलाकों में दिखने लगा है। ढाब क्षेत्र के गांवों के खेत व खलिहान तक पानी पहुंच चुका है। जलजमाव कुछ दिनों तक बना रहा तो अनाज और सब्जियों की फसलों को खतरा हो सकता है।