1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक नहीं रहे, राममनोहर लोहिया अस्पताल में ली अंतिम सांस
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक नहीं रहे, राममनोहर लोहिया अस्पताल में ली अंतिम सांस

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक नहीं रहे, राममनोहर लोहिया अस्पताल में ली अंतिम सांस

0
Social Share

नई दिल्ली, 5 अगस्त। जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों में गवर्नर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके सत्यपाल मलिक का मंगलवार को निधन हो गया। लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रहे 79 वर्षीय मलिक ने राष्ट्रीय राजधानी स्थित राममनोहर लोहिया अस्पताल में अपराह्न लगभग सवा एक बजे अंतिम सांस ली। वह दो माह से ज्यादा समय से इसी अस्पताल में भर्ती थे।

बीते कुछ वर्षों से सरकार के खिलाफ मुखर थे

छात्र राजनीति से करिअर की शुरुआत करने वाले सत्यपाल मलिक समाजवादी विचारधारा से निकले नेता थे। एक सांसद से लेकर गवर्नर तक का सफर तय करने वाले सत्यपाल मलिक आखिरी कुछ सालों में भाजपा से जुड़े थे और कई राज्यों में गवर्नर के तौर पर सेवाएं दीं। हालांकि बीते कुछ सालों से वह सरकार के खिलाफ मुखर थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया था।

पीएम मोदी पर सीधे हमला बोलने के कारण भी काफी चर्चा में थे

सत्यपाल मलिक के एक्स अकाउंट से भी उनकी मौत की जानकारी दी गई। इसी एक्स अकाउंट पर आखिरी बार उनके निजी सहायक ने गत नौ जुलाई को बताया था कि उनकी हालत गंभीर है। खुद को चौधरी चरण सिंह का शिष्य बताने वाले सत्यपाल मलिक किसान आंदोलन के समर्थन में मुखर हुए थे और सरकार की तीखी निंदा की थी। यही नहीं उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में कई राज्यों में दौरे किए थे और सरकार से अपील की थी कि वह तीन विवादित बिलों को वापस ले ले। पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोलने के कारण भी वह काफी चर्चा में थे।

5 वर्षों में कुल 5 राज्यों के गवर्नर रहे थे सत्यपाल मलिक

बागपत में जन्मे सत्यपाल मलिक 2017 से 2022 के दौरान बिहार से लेकर जम्मू-कश्मीर और मेघालय तक कुल पांच राज्यों में गवर्नर रहे। उन्होंने 1970 में अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की थी और 1974 में बागपत से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में वह चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल से उतरे थे और जीत हासिल की थी। उन्हें जम्मू-कश्मीर में गवर्नर के कार्यकाल के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। उनके ही दौर में राज्य से आर्टिकल 370 हटा था और सूबे का पुनर्गठन करके लद्दाख को अलग एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। हालांकि इसी कार्यकाल को लेकर वह विवादों में भी रहे।

खुद पर चार्जशीट दाखिल होने पर जताई थी हैरानी

सत्यपाल मलिक ने हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को लेकर करप्शन का आरोप लगाया था और फिर इसी केस में उनके खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया था। इस चार्जशीट पर अस्पताल से ही सत्यपाल मलिक ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि आखिर यह क्या हो रहा है। जिस शख्स ने करप्शन का आरोप लगाया था, उसके ही खिलाफ जांच शुरू कर दी गई और अब चार्जशीट दाखिल की गई है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में भी सरकार का मुखर विरोध किया था और विपक्ष के समर्थन में वोट देने की अपील की थी।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code