वाराणसी : महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब, मंगला आरती के बाद निकली अखाड़ों की शोभायात्रा
वाराणसी, 26 फरवरी। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भोले बाबा की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा है। महाकुम्भ के पलट प्रवाह के बीच श्री काशी विश्वनाथ धाम में इस बार लगभग 25 लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है, जो पिछले सभी कीर्तिमानों को पार कर रहा है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम के बाहर मंगलवार आधी रात से ही गोदौलिया और मैदागिन की तरफ से तीन किलोमीटर लंबी कतारें लगी हैं। बाबा भोलेनाथ इस क्रम में लगातार 46 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन को सुव्यवस्थित बनाने में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सुरक्षा इंतजामों पर नजर बनाए हुए हैं। सीएम के निर्देश पर उच्चाधिकारी लगातार क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा लेते दिखे।
महाकुम्भ के पलट प्रवाह से उमड़ी श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक भीड़
दरअसल, जब महाकुम्भ के पलट प्रवाह के बीच महाशिवरात्रि का यह उत्सव काशी में और भी खास हो गया है। कुम्भ और महाशिवरात्रि का यह संयोग वर्षों बाद बना है, जिसने श्रद्धालुओं की संख्या को अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचा दिया है। सीएम योगी के निर्देश पर मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने इस अपार जनसमूह को संभालने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। काशी विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए पुलिस, अर्धसैनिक बल, एटीएस कमांडो और एसटीएफ तैनात हैं। उच्चाधिकारी लगातार क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा ले रहे हैं।
साधु-संतों और श्रद्धालुओं की अगवानी के लिए खड़े रहे अफसर
महाशिवरात्रि पर अखाड़ों की शोभायात्रा भी इस बार भव्यता के साथ निकली। जूना अखाड़े के नागा साधु त्रिशूल, तलवार और गदा लेकर हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए निकले। पेशवाई का स्वागत फूलों की वर्षा और माल्यार्पण के साथ किया गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा और पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, जिलाधिकारी एस राजलिंगम सहित आला अधिकारियों ने नागा साधुओं का अभिनंदन किया।

वीआईपी और प्रोटोकॉल दर्शन पर पूरी तरह से रोक
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वीआईपी और प्रोटोकॉल को निरस्त कर दिया गया है, ताकि हर भक्त को बाबा के दर्शन का समान अवसर मिले। मंगलवार मध्यरात्रि बाद 2.15 बजे मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट खोले गए और बाबा को दूल्हे की तरह सजाया गया। वहीं काशी के गंगा घाटों पर महाशिवरात्रि के पर्व पर बड़ी संख्या में स्नानार्थियों ने पहुंचकर पुण्य की डुबकी लगाई।
सच पूछें तो वरिष्ठ अफसरों की देखरेख में किए गए इंतजाम न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुखद अनुभव बना रहे हैं बल्कि काशी की वैश्विक पहचान को भी मजबूती प्रदान कर रहे हैं। भक्तों का कहना है कि योगी सरकार की सक्रियता से यह महाशिवरात्रि ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बन गई है।
