वित्त मंत्री सीतारमण ने मेघालय में ‘लिविंग रूट ब्रिज’ का दौरा किया, यूनेस्को की मान्यता के प्रयासों का समर्थन किया
शिलांग, 13 जुलाई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के ‘लिविंग रूट ब्रिज’ को यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने के प्रयासों के प्रति पुरजोर समर्थन व्यक्त किया है। उन्होंने मान्यता के लिए नामांकन को बहाल करने और सामुदायिक सहभागिता एवं अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से प्रस्ताव को मजबूत करने के लिए हाल में जमीनी स्तर पर हुई प्रगति की सराहना की। लिविंग रूट ब्रिज’ ऐसा पुल होता है, जो पेड़ों की जड़ों से तैयार किया गया जाता है।
“It’s so unique that when the world is looking for sustainable solutions, the community here has shown what’s possible—by aligning with nature rather than exploiting it.” – Smt. @nsitharaman #LivingRootBridge #GreenEconomy @nsitharamanoffc @FinMinIndia @PIB_India pic.twitter.com/I8ksLH03ur
— PIB In Meghalaya (@PIBShillong) July 12, 2025
निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सीज गांव में ‘लिविंग रूट ब्रिज’ की यात्रा के दौरान कहा, ‘मान्यता दिखावे के लिए नहीं, बल्कि दुनिया को यह दिखाने के लिए है कि आपने यह काम पहले किया था। आपके तरीके न केवल प्रभावी हैं, बल्कि उन्हें दोहराया भी जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि वैश्विक मान्यता न केवल पारंपरिक ज्ञान का सम्मान करेगी, बल्कि दूसरों को स्थानीय ज्ञान पर आधारित स्थायी प्रथाओं को अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगी।
कहा – सस्टेनेबल फ्यूचर को मिल रहा बढ़ावा
वित्त मंत्री ने सीज गांव की पारंपरिक पारिस्थितिक जीवनशैली की प्रशंसा की और कहा कि सौ वर्षों से भी अधिक समय से इस क्षेत्र के लोग प्रकृति का सम्मान करते हुए ऐसे पुलों का निर्माण कर रहे हैं, जो जीवित वृक्षों की जड़ों से बनाए जाते हैं और पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। उन्होंने कहा कि यह संस्कृति स्थायी गतिशीलता को बढ़ावा देती है और यह एक सशक्त उदाहरण है कि कैसे पारंपरिक ज्ञान वैश्विक समस्याओं का समाधान दे सकता है।

इस अवसर पर वित्त मंत्री ने गांव के बुजुर्गों, स्थानीय नेताओं और ‘पेमेंट फॉर इकोसिस्टम सर्विसेज प्रोग्राम’ के लाभार्थियों से बातचीत की। यह कार्यक्रम विश्व बैंक, केएफडब्ल्यू और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के सहयोग से चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी समुदायों द्वारा सदियों से अपनाई जा रही पारिस्थितिक परंपराओं का संरक्षण करना है।
वित्त मंत्री ने उन बुजुर्गों की भी सराहना की, जिन्होंने वर्षों से इन पुलों की देखभाल की है। उन्होंने इस पारंपरिक सामंजस्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थायी जीवनशैली की सोच का सजीव उदाहरण बताया और कहा कि मेघालय के लोग पहले से ही इस दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल पर्यावरणीय संतुलन का उदाहरण है बल्कि यह भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी है।
‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत सोहबर गांव का भी निरीक्षण किया
अपने दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) के तहत ईस्ट खासी हिल्स जिले के सीमावर्ती गांव सोहबर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सोहबर जैसे सीमावर्ती गांव भारत की सीमाएं नहीं, बल्कि शुरुआत हैं, और इन्हें प्राथमिकता के साथ विकास देना जरूरी है क्योंकि ये हमारे देश की आंखें और कान हैं। उन्होंने बताया कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का दूसरा चरण अब पूर्वोत्तर भारत के सीमावर्ती इलाकों में भी विस्तार पा रहा है।
In a historic first, Union Minister of Finance, Smt @nsitharaman, visited Sohbar, a scenic & strategically located border village in Meghalaya’s East Khasi Hills, underscoring the Govt’s focus on border area development under the Vibrant Villages Prog (VVP)@nsitharamanoffc pic.twitter.com/Viarm4yijq
— PIB In Meghalaya (@PIBShillong) July 12, 2025
सोहबर में विकास से जुड़े चार प्रमुख क्षेत्रों की घोषणा
सोहबर में वित्त मंत्री ने विकास से जुड़े चार प्रमुख क्षेत्रों की घोषणा की, जिनमें बेहतर सड़कें, डिजिटल और दूरसंचार कनेक्टिविटी, टीवी कवरेज और बिजली की पहुंच शामिल है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सुधार से सीमावर्ती गांवों का समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्रामीण सशक्तिकरण दोनों को बल मिलेगा।
