वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा – कोविड महामारी के बावजूद देश की मुद्रास्फीति दर 6.2 प्रतिशत
नई दिल्ली, 11 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कहा है कि सरकार के कुशल प्रबंधन के कारण कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद देश में मुद्रास्फीति की दर 6.2 प्रतिशत रही। वह राज्यसभा में शुक्रवार को केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान मुद्रास्फीति को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रही थीं।
निर्मला सीतारमण ने 2008-09 के वैश्विक आर्थिक संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 2.12 लाख करोड़ रुपये का संकुचन हुआ जबकि कोविड महामारी के दौरान 9.57 लाख करोड़ रुपये का संकुचन देखा गया। इतने अधिक संकुचन के बावजूद मुद्रास्फीति की दर 6.2 प्रतिशत है जबकि 2008-09 में यह 9.1 प्रतिशत हो गई थी।
दूरदर्शी बजट में अगले 25 वर्षों के लिए ढांचागत सुविधाओं के निर्माण का प्रावधान
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 का बजट दूरदर्शी है और इसमें अगले 25 वर्षों के लिए स्थिरता तथा आधुनिक ढांचागत सुविधाओं के निर्माण का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर देश के पास अगले 25 वर्षों की परिकल्पना नहीं है तो उसे पिछले 70 वर्षों की तरह भुगतना पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थिरता अर्थव्यवस्था के विकास को सुनिश्चित करेगी।
डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से प्रशासन में पारदर्शिता लाई जा सकेगी
सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं का उल्लेख करते हुए निर्मला ने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान देश भर में आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने में सरकार का मार्गदर्शन कर रही है। सरकार, कामकाज में सुधार के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी अपनाने पर ध्यान दे रही है। डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से प्रशासन में पारदर्शिता लाई जा सकेगी।
बुनियादी ढांचे के निर्माण में पूंजीगत व्यय के लिए 7.50 लाख करोड़ रुपये का बजट
सीतारमण ने कहा कि देश के कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग बहुत ही कारगर साबित होगा। उन्होंने बताया कि देश में बुनियादी ढांचे के निर्माण में पूंजीगत व्यय के लिए 7.50 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
बेरोजगारी के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि पूंजीगत व्यय से देश में रोजगार का सृजन होगा। बजट भाषण में 60 लाख नौकरियों के आंकड़े पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन इस संख्या तक सीमित नहीं है क्योंकि यह आंकडा 14 क्षेत्रों के लिए शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में है।
तेलुगु देशम सांसद ने कहा – बजट में स्वास्थ्य पर अपेक्षित आवंटन नहीं किया गया
इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए तेलुगु देशम पार्टी के के. रविंदर कुमार ने कहा कि बजट में स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा आवंटन नहीं किया गया है। उन्होंने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। भारतीय जनता पार्टी के के.सी. राममूर्ति ने बजट को विकासोन्मुखी और अग्रगामी बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट आत्मानिर्भरता के लिए है क्योंकि इसमें समाज के सभी वर्गों के लिए प्रावधान किए गए हैं।