
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले पेश के किया आर्थिक सर्वे, FY26 में 6.3-6.8% रह सकती है GDP ग्रोथ
नई दिल्ली, 31 जनवरी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण के साथ ही आज संसद का बजट सत्र प्रारंभ हो गया। इस क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को केंद्रीय बजट प्रस्तुत करेंगी। इस बजट में करदाताओं से लेकर किसान, महिलाएं और युवाओं के लिए कई खास एलान हो सकते हैं।
इस बीच बजट से एक दिन पहले वित्त मंत्री सीतारमण ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वे 2024-25 पेश किया। इस सर्वेक्षण में FY26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। GST कलेक्शन में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है, जो 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
Finance Minister @nsitharaman tables the Economic Survey 2024-25 in Lok Sabha on the first day of the Budget session of Parliament. #EconomicSurvey | #BudgetSession | #budgetsession2025 | @FinMinIndia pic.twitter.com/qlOKCSLLbF
— SansadTV (@sansad_tv) January 31, 2025
देश को 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए 8% की ग्रोथ जरूरी
यह सर्वे नीतिगत सुधारों और आर्थिक स्थिरता की दिशा में सरकार के प्रयासों को रेखांकित करता है। सरकार का अनुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के 6.5% अनुमान के करीब है, लेकिन विश्व बैंक के 6.7% अनुमान से कम है। सर्वे में यह भी कहा गया है कि देश को 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए 8% की ग्रोथ जरूरी है।
सर्विस सेक्टर में मजबूती जारी, मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में कमी के संकेत
पीएमआई लगातार 14वें माह (दिसम्बर 2024 तक) विस्तार क्षेत्र में रहा है। सर्विस सेक्टर में मजबूती जारी है जबकि मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में कमी के संकेत मिल रहे हैं। कुल GVA ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में महामारी पूर्व की स्थिति को पार कर लिया। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने अलग प्रदर्शन किया है, वित्त वर्ष 21 के मध्य से इसमें तेजी आई है और यह महामारी से पहले के रुझान से लगभग 15 प्रतिशत ऊपर है।
आर्थिक सर्वेक्षण की अन्य प्रमुख बातें
- सरकारी आंकड़े के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक GVA ग्रोथ 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अर्थव्यवस्था के नजरिए से ग्रामीण मांग में तेजी के कारण स्थिर कीमतों पर निजी अंतिम उपभोग व्यय में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। जीडीपी के हिस्से के रूप में पीएफसीई वित्त वर्ष 2024 में 60.3 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 61.8 प्रतिशत होने का अनुमान है।
- सर्विस सेक्टर में वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 7.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जुलाई-नवम्बर 2024 में केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय 8.2 प्रतिशत बढ़ा है और इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।
- बाहरी मोर्चे पर, स्थिर कीमतों पर वस्तुओं और गैर-कारक सेवाओं के निर्यात में वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि आयात में 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में, स्थिर कीमतों पर वस्तुओं और सेवाओं के आयात में 2.9 प्रतिशत की कमी आई, जो मुख्य रूप से कमोडिटी की कीमतों में गिरावट के कारण हुई।
- नवम्बर 2025 तक, डिफेंस, रेलवे और सड़क परिवहन में पूंजीगत व्यय का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा होगा जबकि बिजली, खाद्य और सार्वजनिक वितरण में महत्वपूर्ण वार्षिक वृद्धि होगी।
- वित्त वर्ष 2024 में सीपीआई 5.4 प्रतिशत से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2024 में 4.9 प्रतिशत हो गई है। यह गिरावट वित्त वर्ष 24 और अप्रैल-दिसम्बर 2024 के बीच कोर (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) मुद्रास्फीति में 0.9 प्रतिशत अंकों की कमी के कारण हुई है।
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी, 2024 के अंत में 616.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर सितम्बर 2024 में 704.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 3 जनवरी, 2025 को घटकर 634.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा।
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 90 प्रतिशत बाहरी लोन को कवर करने और दस माह से अधिक का आयात कवर प्रदान करने के लिए पर्याप्त है।
- RBI की रिपोर्ट दिसम्बर 2024 के अनुसार, बैंकिंग प्रणाली में सकल एनपीए सकल ऋण और अग्रिमों के 2.6 प्रतिशत के 12 साल के निचले स्तर पर आ गया है।