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प्रधानमंत्री मोदी का संदेश लेकर ढाका पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, खालिदा जिया के बेटे को सौंपी चिट्ठी

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश लेकर ढाका पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, खालिदा जिया के बेटे को सौंपी चिट्ठी

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ढाका, 31 दिसंबर। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन पर भारत ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संवेदना पत्र और भारत सरकार व भारतीय जनता की ओर से श्रद्धांजलि संदेश लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर बुधवार को ढाका पहुंचे। उन्होंने बांग्लादेश के लोगों को इस दुख की घड़ी में भारत की संवेदनाएं पहुंचाईं और खालिदा जिया के लोकतंत्र में योगदान को याद किया। भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हामिदुल्लाह ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि डॉ. एस. जयशंकर ने ढाका में प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश सौंपते हुए कहा कि भारत, बांग्लादेश के साथ इस दुख की घड़ी में खड़ा है।

मंगलवार को हुआ था खालिदा जिया का निधन

रियाज हामिदुल्लाह ने कहा कि जयशंकर ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के लंबे राजनीतिक जीवन और लोकतांत्रिक व्यवस्था में उनके योगदान को भी सम्मानपूर्वक स्वीकार किया। बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर बुधवार सुबह 11:30 बजे एक विशेष विमान से ढाका पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने किया। बेगम खालिदा जिया का निधन मंगलवार को ढाका में लंबी बीमारी के बाद हुआ था। वह 80 वर्ष की थीं। खालिदा जिया बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक रहीं और 3 बार देश की प्रधानमंत्री बनीं। वह लंबे समय तक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष भी रहीं।

काफी लंबा था खालिदा जिया का सियासी सफर

खालिदा जिया का सियासी सफर 4 दशकों से भी ज्यादा लंबा रहा है, जिसमें उन्होंने सफलता की बुलंदियां छुईं और कई मुश्किल हालात का भी सामना किया। BNP की कमान संभालते हुए उन्होंने देश की सत्ता की बागडोर थामी, लेकिन उनकी छवि पर भ्रष्टाचार के आरोपों ने भी गहरा असर डाला। उनका सार्वजनिक जीवन में प्रवेश पूरी तरह संयोगवश हुआ था। अपने पति राष्ट्रपति जियाउर रहमान की 30 मई 1981 को एक असफल सैन्य तख्तापलट में हत्या के बाद महज 35 साल की उम्र में वह सियासत में आईं और लगभग एक दशक बाद बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। राजनीति में उनका कदम किसी पूर्व-नियोजित रणनीति का हिस्सा नहीं था, बल्कि परिस्थितियों ने उन्हें इस राह पर ला खड़ा किया।

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