महाराष्ट्र : फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार, NCP नेता छगन भुजबल ने ली मंत्री पद की शपथ
मुंबई, 20 मई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुआई वाली महायुति सरकार की कैबिनेट का आज विस्तार किया गया। इस क्रम में वरिष्ठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता छगन भुजबल ने यहां राजभवन में आयोजित समारोह में मंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भुजबल को शपथ दिलाई। इस अवसर पर फडणवीस, दोनों डिप्टी सीएम – एकनाथ शिंदे व अजित पवार सहित महायुति सरकार के अन्य प्रमुख मंत्री मौजूद थे।
छगन भुजबल ने शपथ के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘आज मैंने महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ ली है। मैं सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार और पार्टी के अन्य सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं इस जिम्मेदारी के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं अपने कर्तव्यों को पूरा करना सुनिश्चित करूंगा।”

भुजबल के अनुभव से महाराष्ट्र सरकार को फायदा होगा – शिंदे
वहीं एकनाथ शिंदे ने कहा कि भुजबल पहले भी मंत्री रह चुके हैं और उनके अनुभव से महाराष्ट्र सरकार को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सीएम फडणवीस अनुभवी नेता के लिए पोर्टफोलियो पर फैसला करेंगे। उप मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि भुजबल ने अपना राजनीतिक जीवन शिवसेना से शुरू किया था।
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख बावनकुले ने भी स्वागत किया
इससे पहले, महाराष्ट्र के मंत्री और राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने भुजबल को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का स्वागत किया। पत्रकारों से बातचीत में बावनकुले ने कहा, “छगन भुजबल एक ओबीसी नेता के रूप में जाने जाते हैं, और एनसीपी नेता छगन भुजबल को मंत्रिमंडल में शामिल करने से महाराष्ट्र सरकार मजबूत होगी। छगन भुजबल ‘विकसित महाराष्ट्र’ के संकल्प को पूरा करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।”
1960 के दशक में शिवसेना के साथ शुरु हुआ था राजनीतिक करिअर
गौरतलब है कि नासिक जिले के येओला से विधायक भुजबल ने पहले भी कैबिनेट मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और विभिन्न महाराष्ट्र सरकारों में उप मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1999 से 2003 तक महाराष्ट्र के पांचवें उप मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। भुजबल ने 1960 के दशक में शिवसेना के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया, जब मराठी भाषियों के अधिकारों की वकालत करने वाला क्षेत्रीय आंदोलन अपने चरम पर था।
