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निर्वाचन आयोग ने यूपी सहित 6 राज्यों में बढ़ाई SIR की समयसीमा

निर्वाचन आयोग ने यूपी सहित 6 राज्यों में बढ़ाई SIR की समयसीमा

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नई दिल्ली, 11 दिसम्बर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान 2026 के लिए डॉक्यूमेंट जमा करने की अंतिम तारीख एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी है। ये राहत उन छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दी गई है, जहां अब तक अपेक्षित संख्या में दावे और आपत्तियां प्राप्त नहीं हो पाई थीं।

आयोग के अनुसार, तमिलनाडु और गुजरात में SIR जमा करने की नई अंतिम तिथि अब 14 दिसम्बर (रविवार) होगी जबकि इससे पहले यह 19 दिसम्बर (शुक्रवार) थी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं अंडमान और निकोबार के लिए अंतिम तिथि 18 दिसम्बर (गुरुवार) से बढ़ाकर 23 दिसम्बर (मंगलवार) कर दी गई है।

वहीं, यूपी में SIR के लिए डॉक्यूमेंट जमा करने की अंतिम तिथि 26 से बढ़कर 31 दिसम्बर (बुधवार) कर दी गई है। चुनाव आयोग ने इन सभी राज्यों के नागरिकों से अपील की है कि वे बढ़ी हुई तारीख का लाभ उठाते हुए शीघ्र अपना काम पूरा कर लें।

यूपी में एसआईआर की आखिरी तारीख 26 दिसम्बर तक बढ़ी

उधर, लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि प्रदेश में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित ढंग से पूर्ण करने तथा शुद्ध मतदाता सूची को बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से दो हफ्ते का समय और बढ़ाने का अनुरोध किया गया था, जिससे कि जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा मृतक, शिफ्टेड तथा अनुपस्थित मतदाताओं का पुन: सत्यापन कराया जा सके।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अहर्ता तिथि एक जनवरी, 2026 के आधार पर प्रदेश में चल रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) की घोषित तिथियां को 15 दिन बढ़ाते हुए पुनः संशोधित तिथियां जारी कर दी गई है।

नवदीप रिणवा ने बताया कि संशोधित तिथियों के अनुसार, 26 दिसम्बर तक गणना अवधि निर्धारित की गई है। निर्वाचन नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन अब 31 दिसम्बर को होगा। दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि 31 दिसम्बर, 2025 से 30 जनवरी, 2026 तक निर्धारित की गई है।

31 दिसम्बर 2025 से 21 फरवरी 2026 तक नोटिस चरण गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावों एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन अब 28 फरवरी 2026 को किया जाएगा।

91 फीसदी फॉर्म बंटने का दावा

नवदीप रिणवा के अनुसार, प्रदेश में 91 फीसदी से अधिक गणना फॉर्म बांटे जा चुके हैं। इसमें से 80 फीसदी वोटर फॉर्म भरकर जमा कर चुके हैं। 76 फीसदी मतदाताओं की 2003 की वोटर लिस्ट से मैपिंग पूरी हो चुकी है। लगभग 18 फीसदी यानी 2.91 करोड़ वोटर्स ऐसे हैं, जिन तक फॉर्म पहुंच नहीं सका है। इन्हें सत्यापन के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आयोग से दो सप्ताह अतिरिक्त समय की मांग की गई थी। इसे मंजूरी मिल गई है। इससे चुनाव आयोग को प्रक्रिया को पूरा कराने में मदद मिलेगी।

कितने डुप्लीकेट वोटर मिले?

यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, सत्यापन में अब तक 1.27 करोड़ शिफ्टेड (स्थान बदले हुए), 46 लाख मृतक, 23.69 लाख डुप्लीकेट मतदाता और 84.74 लाख का कोई पता नहीं मिला है। 9.57 लाख मतदाताओं ने फॉर्म लेने के बाद भी वापस नहीं किए हैं। इन आंकड़ों की पुष्टि ड्राफ्ट सूची आने के बाद और स्पष्ट होगी। एक जनवरी, 2026 को 18 वर्ष पूरा करने वाले भी फॉर्म-6 भर सकेंगे।

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