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बिहार SIR : निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए दिया एक माह का विशेष अवसर

बिहार SIR : निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए दिया एक माह का विशेष अवसर

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नई दिल्ली, 24 जुलाई। बिहार में जारी विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के पहले चरण का कार्य समाप्ति की ओर है। इस बीच, विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि सरकार वैध मतदाताओं के नाम सूची से हटा रही है। हालांकि, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा।

1 अगस्त से 1 सितम्बर तक  कर सकते हैं आवेदन

निर्वाचन आयोग ने इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि एक अगस्त से एक सितम्बर तक, मतदाता या किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को यह अवसर दिया जाएगा कि वे बीएलओ या बीएलए द्वारा हुई किसी त्रुटि को सुधारने के लिए आवेदन दे सकें। यदि किसी पात्र मतदाता का नाम छूट गया हो या किसी अयोग्य व्यक्ति का नाम जोड़ दिया गया हो, तो उसकी जानकारी देकर सुधार कराया जा सकेगा। यह व्यवस्था एसआईआर आदेश के पृष्ठ 3, पैरा 7(5) के तहत लागू होगी। वोटर लिस्ट से वंचित लोगों के पास एक बार फिर से नाम जुड़वाने के लिए महीने का समय रहेगा।

अब तक 99 प्रतिशत मतदाता कवर किए जा चुके हैं

आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 99 प्रतिशत मतदाता कवर किए जा चुके हैं। 20 लाख मृतक मतदाता, 28 लाख स्थायी प्रवासी मतदाता और सात लाख से अधिक दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाता चिह्नित किए गए हैं। करीब एक लाख मतदाताओं का कोई पता नहीं चल पाया है। 15 लाख से अधिक मतदाताओं ने अब तक फॉर्म नहीं भरा है। कुल 7.17 करोड़ मतदाताओं (90.89%) के फॉर्म प्राप्त होकर डिजिटाइज किए जा चुके हैं।

स्पष्ट संदेश –  कोई भी योग्य मतदाता वंचित न रह जाए

एसआईआर के तहत, अब तक जो मतदाता या तो गलत तरीके से सूची में शामिल हैं या जिन्होंने अब तक अपना फॉर्म नहीं भरा है, उनकी सूचियां 20 जुलाई को बिहार के 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नामित 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स को सौंप दी गई हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता बनाए रखते हुए सुधार प्रक्रिया में राजनीतिक सहभागिता को बढ़ाना है। बता दें कि चुनाव आयोग का स्पष्ट संदेश है कि कोई भी योग्य मतदाता वंचित न रह जाए और कोई भी अयोग्य नाम सूची में न जुड़ पाए। विपक्ष की आपत्तियों के बीच आयोग की पारदर्शी प्रक्रिया और तकनीकी सहायता बिहार में एक अधिक भरोसेमंद और सटीक मतदाता सूची तैयार करने की दिशा में मजबूत कदम है।

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