हिमाचल प्रदेश के चंद्रताल में फंसे 290 पर्यटकों को निकालने के प्रयास जारी, 1020 मार्ग अब भी बाधित
शिमला, 13 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, फंसे हुए 290 लोगों को निकालने के लिए लाहौल व स्पीति जिले में चंद्रताल पहुंच गए हैं। राज्य में 1020 मार्ग अब भी बाधित हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। चंद्रताल में शनिवार से करीब 300 लोग फंसे हुए हैं जिनमें से अधिकतर पर्यटक हैं। मंगलवार को दो बुजुर्गों तथा एक लड़की सहित सात बीमार लोगों को वहां से हवाई मार्ग से निकाल कर भुंतर पहुंचाया गया था।
लाहौल व स्पीति के उपायुक्त राहुल कुंवर ने कहा, ‘‘ राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी बुधवार देर रात करीब दो बजे चंद्रताल पहुंचे। फंसे हुए पर्यटकों का पहला जत्था सुबह करीब आठ बजे चंद्रताल से चला और कुंजुम पास पहुंचा।पर्यटकों को काजा ले जाने से पहले लोसर में भोजन तथा दवाइयां दी गईं।’’
उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि नेगी को चंद्रताल पहुंचने में करीब 18 घंटे लगे क्योंकि सड़क बचाव दल को कुंजुम दर्रे से चंद्रताल तक तीन से चार फुट बर्फ से ढके मार्ग को साफ करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को लोसर, चंद्रताल, सिर्रू और मनाली का हवाई सर्वेक्षण किया।
उन्होंने चंद्रताल से लोगों को निकालने के कार्य को ‘‘चुनौतीपूर्ण’’ बताया। उन्होंने आदिवासी किन्नौर जिले से ताल्लुक रखने वाले राजस्व मंत्री को चंद्रताल में बचाव प्रयासों में सहायता करने का काम सौंपा है। इसी क्षेत्र से होने के कारण वह यहां के दुर्गम इलाकों से परिचित हैं। राज्य सरकार के मुताबिक, इस पहाड़ी राज्य से अभी तक 60,000 पर्यटकों को निकाला जा चुका है।
कुल्लू और मनाली में फंसे 25,000 पर्यटकों सहित हजारों पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, लेकिन सैकड़ों लोग अभी भी फंसे हुए हैं क्योंकि भूस्खलन और बाढ़ के कारण कई सड़कें अब भी बंद हैं। कार्यवाहक डीजीपी सतवंत अटवाल ने बुधवार रात को ट्वीट किया, “किन्नौर जिले के सांगला, छितकुल और रक्षम में विदेशियों सहित 95 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया गया और सांगला में बाढ़ से प्रभावित लोगों को अस्थायी रूप से स्कूलों, गेस्ट हाउस और होटलों में आश्रय दिया गया है।”
उन्होंने कहा, “छह इजरायलियों को मणिकरण लाया गया है और 37 इजरायली बरशैनी में हैं और वे सभी सुरक्षित हैं।” इस बीच, इजराइल मिशन के उपप्रमुख ओहाद नकाश कयनार ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, “महानिदेशक और राजदूत के निर्देश पर हिमाचल प्रदेश जा रहा हूं ताकि कसोल, कालगा और पुलगा जैसे बाढ़ग्रस्त इलाकों में मौजूद इजराइली पर्यटकों से संपर्क का प्रयास किया जा सके।”
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ राज्य में कुल 1,020 मार्ग अब भी अवरुद्ध हैं, जबकि 2,498 ट्रांसफार्मर और 1,244 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं।’’ राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, राज्य में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं व सड़क हादसों में 88 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 लोग घायल हुए हैं।
वहीं 16 लोग अब भी लापता हैं। कुल 170 मकान पूरी तरह से और 594 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। केंद्र के अनुसार, राज्य को 12 जुलाई तक 1,312 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और नुकसान का अनुमान अब भी लगाया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य को करीब 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम की 1,128 मार्गों पर बस सेवाएं निलंबित हैं और 302 बसों को रास्ते में रोका गया है। मौसम विज्ञान विभाग ने 15 और 16 जुलाई को भारी बारिश, तूफान और बिजली कड़कने का पूर्वानुमान लगाते हुए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। 18 जुलाई तक बारिश जारी रहने की संभावना है।