पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी के घर ईडी की छापेमारी, 20 करोड़ नकद बरामद
कोलकाता, 22 जुलाई। पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने शुक्रवार को छापेमारी की है। कई घंटों की छापेमारी में ईडी ने लगभग 20 करोड़ नकद बरामद कर लिया है। इस काररवाई की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें नोटों का एक बड़ा पहाड़ देखने को मिल रहा है।
हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद शुरू हुई काररवाई
यह पूरी काररवाई हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद शुरू हुई है। असल में बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाले की जांच के निर्देश कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिए थे, तब सीबीआई ने वह मामला संभाला था। लेकिन जांच के दौरान क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी बना, ऐसे में ईडी भी जांच में जुट गई थी।
कई घंटों की छापेमारी में नोटों का पहाड़ सामने आ गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी ने यह काररवाई बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाले मामले में की है। ईडी को अर्पिता के खिलाफ कुछ पुख्ता सबूत मिले थे, जिसके बाद उनके घर पर रेड मारी गई। कई घंटों की रेड में नोटों का अंबार सामने आ गया। मध्यरात्रि बाद तक जांच एजेंसी उनके घर पर ही मौजूद थी।
अर्पिता के अलावा ईडी कई और ठिकानों पर छापेमारी
जानकारी यह भी मिल रही है कि अर्पिता के अलावा ईडी कई और ठिकानों पर रेड मार रही है। इस लिस्ट में मंत्री पार्थ चटर्जी, माणिक भट्टाचार्य, आलोक कुमार सरकार, कल्याण मॉय गांगुली जैसे नाम भी शामिल हैं। इन सभी का बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाले में कनेक्शन सामने आया है।
लेकिन सबसे बड़ा एक्शन अर्पिता के खिलाफ हुआ है, जिनके घर पर 20 करोड़ कैश मिल गया है। ईडी ने छापेमारी के दौरान उनके घर से 20 फोन भी जब्त किए हैं। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अर्पिता उन फोन के जरिए क्या करती थीं, लेकिन ईडी ने उन्हें भी अपनी जांच में शामिल किया है।
नोटों का अंबार देख नोट गिनने वाली मशीनें मंगानी पड़ीं
दिलचस्प तथ्य यह है कि नोटों का अंबार इतना बड़ा है कि पैसों की गिनती के लिए बैंक अधिकारियों को बुलाया गया है। नोट गिनने वाली मशीनें भी आ गई हैं। अंतिम समाचार मिलने तक अर्पिता के घर पर नोटों की गिनती जारी है, ऐसे में कुल आंकड़ा ज्यादा भी हो सकता है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि ईडी की एक टीम मंत्री पार्थ चटर्जी के घर पर पिछले 11 घंटे से मौजूद है। उनके घर से क्या मिला है, क्या जब्त किया गया है, इस बारे में ईडी ने कुछ नहीं बताया। फिलहाल बंगाल की राजनीति में इस शिक्षा घोटाले ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है।