
केजरीवाल को EC की नोटिस – यमुना में जहर और नरसंहार के दावे का आज रात 8 बजे तक दें सबूत
नई दिल्ली, 28 जनवरी। यमुना के पानी में हरियाणा सरकार द्वारा जहर मिलाने का दावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल फंसते प्रतीत हो रहे हैं क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने उन्हें नोटिस थमा दी और युमना में जहर वाले दावे पर सबूत मांग लिया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल यमुना नदी में जहर डालने और दिल्ली में नरसंहार के अपने गंभीर आरोपों को तथ्यों के साथ साबित करें और बुधवार रात आठ बजे तक सबूत पेश करें।
EC ने कहा है कि आपके कद के नेता की तरफ से दिए गए बयानों में बहुत वजन होता है और लोग, खासकर उस पार्टी के समर्थक उस बयान पर विश्वास करते हैं। एक अनुभवी वरिष्ठ नेता होने के नाते, सार्वजनिक रूप से पड़ोसी राज्य के ऊपर यमुना में जहर मिलाए जाने के आरोपों को साबित करने के लिए आपके पास पर्यापत सबूत होने चाहिए।
इसी के साथ इस बात के भी सबूत होने चाहिए कि यमुना को जहरीला करने के लिए किस तरह और कितनी सीमा में केमिकल का इस्तेमाल किया गया था, जिससे दिल्ली में नरसंहार हो जाता। चुनाव आयोग ने कहा है कि यह भी माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार ने इतने गंभीर मुद्दे को आधिकारिक तौर पर हरियाणा राज्य सरकार के साथ उठाया होगा।
तीन वर्ष तक हो सकती है जेल
चुनाव आयोग ने अपनी नोटिस में कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय एकता के खिलाफ शरारती बयानों के लिए तीन वर्ष तक की कैद हो सकती है। आयोग ने इस तरह के आरोपों से दो पड़ोसी राज्यों के लोगों के बीच दुश्मनी का खतरा भी बताया है।
ये था केजरीवाल का आरोप
उल्लेखनीय है कि सोमवार (27 जनवरी) को दिल्ली की सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि यमुना में अमोनिया का स्तर सामान्य से काफी ज्यादा है, जिससे दिल्ली के 30 फीसदी लोगों को पानी नहीं मिल पाएगा। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के रास्ते दिल्ली आने वाले पानी में जहर मिलाने का आरोप लगा दिया।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियर्स ने समय रहते इस पानी को बॉर्डर पर ही रोक दिया और अंदर नहीं आने दिया। यदि यह पानी अंदर आ जाता को दिल्ली में कई लोगों की मौत हो जाती और नरसंहार हो जाता।